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राजस्थान: 71 निर्दोष नागरिकों की जान लेने वाले जयपुर बम ब्लास्ट के आरोपियों को “बरी” करने के खिलाफ पीड़ित पहुंचे सुप्रीम कोर्ट

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(शशि कोन्हेर) : राजस्थान हाई कोर्ट से जयपुर बम ब्लास्ट के अभियुक्तों को बरी किए जाने के फैसले के खिलाफ़ पीड़ित परिवार सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं. उल्लेखनीय है कि 13 मई सन 2008 को राजधानी राजस्थान की राजधानी जयपुर में सिलसिलेवार हुए 8 बम धमाकों में 71 से भी अधिक लोगों की मौत हुई और 180 से अधिक लोग घायल हुए थे। सीरियल बम ब्लास्ट की घटना के पीड़ित परिवारों ने गुरुवार को दिल्ली पहुंच कर सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन (एसएलपी) दायर की है. पीड़ित परिवार से राजेश्वरी देवी और अभिनव तिवाड़ी ने एसएलपी दायर की है.

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इस बम ब्लास्ट में राजेश्वरी देवी के पति ताराचंद और अभिनव तिवाड़ी के पिता मुकेश तिवाड़ी की मौत हुई थी.

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राजेश्वरी देवी के दामाद के मुताबिक संगनेरी गेट पर हनुमान मंदिर के पास हुए बम ब्लास्ट में मेरे ससुर की मौत हुई थी. मेरी सास ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की है.”

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“सेशन कोर्ट ने जिन्हें फांसी की सजा सुनाई और जिन्हें फांसी होनी चाहिए थी, उन्हें कोर्ट से बरी कर दिया गया है. सरकार की कमज़ोर पैरवी का नतीजा है.”

जोहरी बाजार के इस हनुमान मंदिर के सामने ब्लास्ट हुआ था.जौहरी बाजार के इस हनुमान मंदिर के सामने ब्लास्ट हुआ था
बीते दिन जयपुर के रामलीला मैदान में बीजेपी ने सभी पीड़ितों को बुला कर मार्च निकाला था.

सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करने के दौरान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ भी पीड़ित परिवारों के साथ रहे.

बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने एक बयान जारी कर कहा कि, “प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के निर्देशानुसार पीड़ित परिवारों को भारतीय जनता पार्टी द्वारा क़ानून सहायता उपलब्ध करवाई गई है.”

जयपुर बम ब्लास्ट के मामले में विपक्ष अब अशोक गहलोत सरकार को घेरने के लिए पूरी तैयारी कर चुका है.

बीजेपी लगातार इस मामले में सरकार पर कमज़ोर पैरवी से अभियुक्तों को बरी करवाने के आरोप लगा रही है. जबकि, बीते दिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा था कि इस मामले में सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी.

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