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अतीक की हत्या के आरोपी लवलेश ने खुद को बताया परशुराम का वशंज….सनी बोला- मैं खुद डॉन हूं

(शशि कोन्हेर) : माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की जांच में एसआईटी के अलावा प्रयागराज पुलिस भी लगी है। इस मामले में कई सवाल ऐसे हैं जिनका जवाब मिलने पुलिस के लिए भी आसान नहीं हैं। तीनों आरोपियों से पूछताछ लगातार जारी है। पूछताछ के दौरान आरोपी लवलेश ने खुद को कट्टर हिंदुवादी बताते हुए परशुराम का वंशज बताया है। वहीं आरोपी सनी ने पुलिस से कहा है कि वह खुद ही एक डॉन है और उसका कोई आका नहीं है। पुलिस ने तीनों को कस्टडी में लेकर बुधवार को करीब 8 घंटे तक पूछताछ की। आरोपियों ने कहा कि वह अतीक की हत्या कर नाम और पैसा कमाना चाहते थे।

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पुलिस तीनों के आपराधिक रिकॉर्ड को लेकर और जानकारी जुटा रही है। पुलिस का कहना है कि तीनों आरोपियों में सनी का सबसे बड़ा आपराधिक रिकॉर्ड है। हालांकि तीनों कैसे एक-दूसरे के संपर्क में आए यह भी पुलिस के लिए पता लगाना बड़ा चुनौती है। दूसरी तरफ आरोपी अरुण मौर्य ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि उसे नहीं पता था कि जिगाना पिस्टल इतनी महंगी होती है। उसने दोस्त से इस पिस्टल को लिया था। उसे बस इतना पता था कि अगर इस पिस्टल से किसी पर हमला किया गया तो वह बचेगा नहीं। उसने पुलिस को यह भी बताया कि जिस दोस्त ने उसे यह हथियार दिया उसकी 2021 में मौत हो चुकी है। ऐसे में पुलिस के सामने इस बात की सत्यता करना चुनौती भरा होगा।

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सूत्रों का कहना है कि अगर तीनों आरोप पुलिस की जांच में सहयोग नहीं करते हैं और उनका नार्को टेस्ट कराया जा सकता है। दरअसल पुलिस के सामने अब भी कई सवाल ऐसे हैं जिनका कोई जवाब नहीं मिला है। तीनों आरोप कैसे एक-दूसरे के संपर्क में आए आए। लवलेश तिवारी बांदा के क्योतरा का रहने वाला है। सनी सिंह हमीरपुर जिले के कुरारा कस्बे का रहने वाला है।

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जांच में सामने आया है कि आरोपी सनी सिंह जेल में बंद सुंदर भाटी का करीबी बै। सनी ने करीब चार साल जेल में गुजारे। साल 2019 में वह तीन बार हमीरपुर जेल गया, जहां उसकी मुलाकात यूपी वेस्ट के गैंगस्टर सुंदर भाटी से हुई। एसपी दीक्षा शर्मा ने बताया कि जेल में रहने के दौरान ‘पुराने’ सुंदर भाटी के इतना करीब पहुंच गया कि अन्य कैदी उसे ‘छोटा भाटी’ कहने लगे। उन्होंने बताया कि जेल में पांच महीने बीतने के बाद उसकी सुंदर भाटी से बढ़ती निकटता की वजह से उसे कानपुर जेल शिफ्ट करने का फैसला लिया गया।

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