बिलासपुर

शहर में बिना नियम कानून के चल रही कई चश्मे की दुकाने, बिना जांच कराये ना पहने चश्मा, वर्ना बढ़ सकती है आंखों की परेशानी….

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(जयेन्द्र गोले) : बिलासपुर – आजकल जिस तरह की लाइफस्टाइल और खानपान का ट्रेंड चल रहा है, उसका असर सेहत पर बुरा पड़ रहा है. लगातार लैपटॉप, फोन चलाने से आंखों की रोशनी धुंधली पड़ने लगती है. इसके अलावा भी आंखों को कई तरह से नुकसान हो रहा है. यही कारण है कि कम उम्र में ही बहुत से बच्चों को चश्मा लग जा रहा है.

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बाईट – डॉ. प्रभात श्रीवास्तव (सीएमएचओ, बिलासपुर)

कुछ लोग पढ़ते समय आंखों पर चश्मा लगाते हैं, ताकि उन्हें देखने के लिए आँखों पर ज्यादा जोर न लगाना पड़े. पढ़ने के चश्मे को लेकर लोगों में कई गलतफहमियां भी हैं. मिथक है कि इस चश्मे को लगाने से आंखें कमजोर हो रही हैं. हालांकि, आई एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. इस तरह के चश्मों को कई फायदे हैं.

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बाईट – डॉक्टर मनोज सिंह
नेत्र रोग विशेषज्ञ (जिला अस्पताल बिलासपुर)

वहीं दूसरी तरफ देखा जाए तो शहर में कई ऐसे चश्मा दुकान है जो बिना नियम के ही चल रहे हैं जिससे लोगों को उचित चश्मा नहीं मिलता है वही दुकानदार अपना व्यवसाय धड़ल्ले से चला रहे हैं जरूरत है ऐसे दुकानदारों के खिलाफ कार्यवाही की जाए।

डॉक्टर सुभा गरेवाल (जिला नोडल अधिकारी नेत्र विभाग)

जिले की नोडल अधिकारी सुभा गरेवाल उच्च अधिकारियों के आदेश का इंतजार कर रही हैं, जिसके बाद चश्मे दुकान वालों पर कार्यवाही होगी।

अवैध रूप से चल रहे शहर के चस्मा दुकानो में गलत नंबर का चश्मा देने से मरीजों की आखों के साथ खिलवाड़ हो रहा हैं, विदित हो पिछले कई वर्षों से स्वास्थ विभाग को इसकी जानकारी हैं, लेकिन विभाग अपनी आँखों पर काला चश्मा चढ़ाए हुए हैं ।

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