बिलासपुर का दामाद कर्नल ‘विप्लव’ मणिपुर में शहीद…..
- पत्नी अनुजा और बेटा अबीर भी उग्रवादियों के एंबुश में फंसे
- रक्षा मंत्री, सीडीएस, सेना प्रमुख, मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि
(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर – मणिपुर के सिंगनगाट इलाके से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां आतंकियों ने सेना की टुकड़ी पर घात लगाकर हमला कर दिया जिसमें 46-असम राइफल्स के रायगढ़ निवासी कर्नल विप्लव त्रिपाठी समेत चार जवान शहीद हो गए। हमले में कर्नल की पत्नी अनुजा और बेटे अबीर की भी मौत हुई है। कर्नल विप्लव त्रिपाठी रायगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार सुभाष त्रिपाठी के बड़े बेटे हैं। विप्लव ससुर कैलाश शुक्ला परिवार समेत मिनोचा कॉलोनी में रहते हैं।
जानकारी के मुताबिक घटना मणिपुर के चुराचंदपुर जिले के सेहकेन गांव में शनिवार सुबह 10:30 पर हुई। हमले के पीछे मणिपुर के चरमपंथी संगठन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का हाथ बताया जा रहा है। सेहकेन जिला मुख्यालय चुराचंदपुर से लगभग 65 किलोमीटर दूर बेहियांग क्षेत्र में एक सीमावर्ती गांव है। यहां सेना ने आतंकियों पर कार्रवाई के लिए ऑपरेशन शुरू कर दिया है। यह हमला तब हुआ जब कर्नल विप्लव त्रिपाठी चेक पोस्ट का निरीक्षण करने के लिये तीन गाड़ियों के काफिले के साथ निकले हुए थे। आज उनके साथ उनका परिवार भी मौजूद था। निरीक्षण से वापसी के दौरान उग्रवादियों ने आईईडी ब्लास्ट किया। काफिले में सबसे सामने चल रही गाड़ी इस धमाके की चपेट में आ गई। फिर एंबुश लगाकर बैठे उग्रवादियों ने मोर्टार और गोलियों की बौछार शुरू कर दी। इस हमले में घटनास्थल पर ही कर्नल विप्लव (41), उनकी पत्नी अनुजा (38), पुत्र अबीर (6) सहित 4 अन्य जवान शहीद हो गए।
छोटा भाई भी सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल
शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी का छोटा भाई लेफ्टिनेंट कर्नल अनय त्रिपाठी भी असम राइफल्स में है। उनके पिता सुभाष त्रिपाठी और माता श्रीमती आशा त्रिपाठी इस बार दीपावली साथ मनाने उनके पास गए थे। बड़े भाई का परिवार भी वहीं आया और सबने साथ दीवाली मनाई। लेफ्टिनेंट कर्नल अनय माता-पिता को छोड़ने के लिए रायगढ़ आए हुए हैं। शनिवार सुबह परिवार के साथ नाश्ता करते समय उन्हें यह खबर मिली और वे तुरंत घटनास्थल के लिए रवाना हो गए। कल विशेष विमान से तीनों का पार्थिव शरीर रायगढ़ लाया जाएगा।
दादा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, पिता वरिष्ठ पत्रकार
शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी के दादा स्वर्गीय किशोरी मोहन त्रिपाठी स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी थे। आजादी के बाद देश के संविधान के निर्माण के लिए बनी संविधान सभा के भी वे सदस्य रहे। उनके पिता सुभाष त्रिपाठी वरिष्ठ पत्रकार हैं और दैनिक समाचार पत्र बयार का संपादन करते हैं। माता श्रीमती आशा त्रिपाठी भी साहित्यकार हैं।