अस्त होते सूर्य को छठव्रतियों ने दिया अर्घ्य..रोशनी से नहाए छटघाट में श्रद्धालुओं का लगा रहा मेला..
(इरशाद अली संपादक सहयोगी प्रदीप भोई) : बिलासपुर – मान्यता है कि छठी मैया संतानों की रक्षा करती हैं और उन्हें दीर्घायु प्रदान करती हैं। पारिवारिक सुख समृद्धि और मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए छठ व्रती महिलाएं पूजा-पाठ कर सूर्य भगवान और छठी मैया के प्रति अपनी आस्था प्रकट करती है।नहाए खाए के साथ शुरू होने वाला यह पूजा पर्व काफी शुद्ध माना जाता है शुरू से ही इस बात का ख्याल रखा जाता है कि पूजा में कहीं भी अशुद्धता न रहने पाए। छत्तीसगढ़ का बिलासपुर जिला छठ पर्व के लिए देश भर में मशहूर हो गया है।लंबे इस छठ घाट में हर साल बड़ी संख्या में छठ व्रतियों के अलावा तमाम श्रद्धालु जुटते हैं। बुधवार की शाम को जगमगाते और हर्षोल्लास भरे माहौल के बीच अस्त होते सूर्य को अर्घ्य दिया गया। पाटलिपुत्र संस्कृति विकास मंच और भोजपुरी समाज के अलावा स्थानीय प्रशासन एवं दूसरे समाज के सहयोग से संपन्न होने वाले छठ पूजा में इस बार भी वही उत्साह और उमंग दिखाई दिया जो कोरोना काल के पहले दिखता था। आयोजन समिति के सभी पदाधिकारी और वालंटियर छठ व्रतियों को किसी तरह की दिक्कत ना इसका ख्याल रखते रहे। जिला प्रशासन का भी भरपूर सहयोग मिला जिसके चलते पूजा संपन्न हो रही है। शाम के अर्घ्य के बाद गुरुवार की सुबह भी छठ घाट में मेले जैसा माहौल रहेगा। सूर्योदय से पहले ही छठ व्रती महिलाएं परिवार और बच्चों के साथ घाट पर पहुंच चुकी होंगी और जैसे ही सूर्य उदय होगा सभी अर्घ देकर सूर्य की उपासना करेंगी। छठी मैया से इस मौके पर बच्चों के लिए मंगल कामना के साथ ही परिवार के सुख समृद्धि और निरोगी काया के लिए भी कामना की जाएगी। सुबह की पूजा के लिए छठ पूजा आयोजन समिति पूरी तरह तैयार है।