बिलासपुर

खतरे मे अरपा बैराज, सरिया जोड़कर की जा रही ढलाई…..

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(दिलीप जगवानी) : बिलासपुर – अरपा नदी में निर्माणाधीन बैराज का महत्तवपूर्ण काम सिंचाई विभाग के टाइम कीपर और ठेकेदार के मजदूरों के भरोसे छोड़ा गया है। यही कारण है कि स्लैब की ढलाई ज्वाइंट सरिया से किया जा रहा है। स्लैब की ढलाई में ज्वाइंट का उपयोग बैराज को कमजोर कर सकता है।

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राज्य सरकार के बेहद महत्तवपूर्ण निर्माण को लेकर सिंचाई विभाग के अधिकारी जरा भी गंभीर नहीं है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है की स्लैब के निर्माण में जोड़ वाला सरिया उपयोग किया जा रहा है। जबकि विशेषज्ञों की माने तो बैराज के स्लैब निर्माण में ज्वाइंट सरिया का उपयोग खतरनाक हो सकता है। स्लैब के निर्माण में एक छोर से दूसरे छोर तक एक रॉड का ही उपयोग किया जाना चाहिए। बड़े काम में ज्वाइंट सरिया का उपयोग नहीं किया जा सकता। मौके पर कोई जिम्मेदार अधिकारी मौजूद नहीं होने के कारण ठेकेदार और उसके कर्मचारी मनमानी से काम कर रहे है।

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49 करोड़ की लागत वाला बैराज पूरी तरह से सिंचाई विभाग के टाइम कीपर और ठेकेदार सुनील अग्रवाल के मजदूरों पर छोड़ दिया गया है। ठेकेदार की ओर से मौके पर कोई इंजीनियर या तकनीकी जानकार मौजूद नहीं रहता। बैराज निर्माण जहां हो रहा है वहां ठेकेदार ने कोई साइट ऑफिस भी नहीं बनाया है। सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता अजय सोमवार के कार्यालय से महज एक किमी दूरी में शिवघाट मे हो रहे निर्माण कार्य में घोर लापरवाही समझ से परे है।
कहीं न कहीं विभाग के अधिकारी ठेकेदार को गुणवत्ताहीन बैराज निर्माण करने की खुली छूट दे दी है। इसका खामियाजा आगे चलकर शहर के लोगों को भुगतना पड़ सकता है।

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इसी तरह ठेकेदार द्वारा बैराज के नीचे बन रहे स्ट्रीम फ्लोर निर्माण में भी लापरवाही बरती जा रही है। Lokswar.in में खबर प्रकाशित होने के बाद सिंचाई विभाग के अधिकारी मौके पर निरीक्षण करने के लिए गए थे लेकिन वो ठेकेदार को ढलाई तोड़कर दुबारा बनाने के लिए कहने की हिम्मत नहीं कर पाए। मतलब साफ है सिंचाई विभाग के अधिकारी ठेकेदार सुनील अग्रवाल को भ्रष्टाचार करने की खुली छूट दे दी है।

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