पिता ने अपनी ही पुत्री के अपहरण की लिखाई झूठी रिपोर्ट, पुलिस ने घर से ही बरामद किया नाबालिग को..!!
(शशि कोन्हेर) : मामला थाना गौरेला का है दिनांक 29 अक्टूबर को रानीझाप निवासी दशरथ सिंह राठौर पिता भान सिंह राठौर (उम्र 38साल) ने गौरेला में प्रथम सूचना पर रिपोर्ट दर्ज करायी कि इसकी 11 वर्षीय नाबालिग पुत्री दिनांक 28 अक्टूबर को स्कूल जाने के नाम से सुबह 9 बजे घर से निकली थी। जो वापस नहीं आई। किसी अज्ञात व्यक्ति के द्वारा अपहरण किये जाने की आशंका व्यक्त करने पर थाना गौरेला में अपराध क्रमांक 441/21 धारा 363 भा द वि के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया। थाना प्रभारी गौरेला के द्वारा मुक्त अपराध की सूचना वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को दी गई। पुलिस अधीक्षक त्रिलोक बंसल के द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एवं अनुविभागीय अधिकारी पुलिस गौरेला के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी गौरेला के नेतृत्व में अलग-अलग टीम गठित कर प्रकरण में वैधानिक कार्यवाही का निर्देश दिया गया। थाना गौरेला के टीम के द्वारा संभावित रास्तों एवं घटना दिनांक तथा प्रार्थी के बयान में काफी भिन्नता पाई । इस पर पुलिस ने प्रार्थी एवं उसके घर के लोगों की कॉल डिटेल का अध्ययन तथा प्रार्थी के पूर्व इतिहास के संबंध में जानकारी प्राप्त की। ज्ञात हुआ कि प्रार्थी दशरथ राठौर थाना अनूपपुर कोतवाली के धारा 376 भादवि के मामले में अनूपपुर जेल में अगस्त 2020 से सितंबर 2021 तक निरुद्ध था। जहां पर जेल प्रहरी के साथ जमानत कराने के संबंध में रूपए पैसे के लेनदेन को लेकर दोनों का विवाद हुआ था। जिस पर से जेल प्रहरी के द्वारा देख लेने की धमकी देने पर उसे ही फसाने के उद्देश्य से दशरथ राठौर एवं उसके परिजनों के द्वारा नाबालिग के अपहरण का झूठा षड्यंत्र रचा और इस षड्यंत्र में अपनी नाबालिग पुत्री को भी शामिल कर, यह समझाया कि पुलिस के सामने यह बोलना कि चार पहिया वाहन में दो महिला एक पुरुष आए थे और रुमाल में मुँह कर ले गए। इस बात की पुष्टि बरामद नाबालिग पुत्री के द्वारा की गई है। इस प्रकार पुलिस की सूझबूझ से मामले में सफलता मिली। दशरथ राठौर के द्वारा पुलिस में इस प्रकार गंभीर अपराध की झूठी रिपोर्ट लिखाये जाने के फलस्वरुप प्रकरण में दशरथ राठौर एवं उसके परिजनों के विरुद्ध धारा 182, 211 के तहत कार्यवाही पृथक से की जाएगी। पुलिस अधीक्षक श्री त्रिलोक बंसल ने आमजन से अपील की है कि आपसी विवाद या अन्य किसी कारण से झूठी रिपोर्ट ना लिखाएं। पुलिस की जांच पर सही गलत का पता लग जाता है।