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परिवारवाद की बात नहीं, काम भी देखिए… मेरे पापा तो नहीं चल रहे संसद; सुप्रिया सुले की दो टूक

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(शशि कोन्हेर) : एनसीपी चीफ शरद पवार ने अपनी बेटी सुप्रिया सुले और राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है। इसे लेकर बीजेपी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। भाजपा नेता अमित मालवीय ने तंज कसते हुए ट्वीट किया, ‘शरद पवार अपने भतीजे से उतना ही प्यार करते हैं जितना ममता बनर्जी अपने भतीजे से।’

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राकांपा की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने इस तरह के उठ रहे सवालों का रविवार को जवाब दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें शरद और प्रतिभा पवार की बेटी होने पर गर्व है और वह भाई-भतीजावाद या वंशवाद की राजनीति से भाग नहीं रहीं।

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सुप्रिया सुले ने कहा, ‘मैं भाई-भतीजावाद से दूर नहीं जा सकती हूं क्योंकि मेरा जन्म राजनीतिक परिवार में हुआ है। प्रतिभा और शरद पवार की बेटी होने पर मुझे गर्व होता है। मुझे इससे भागने की क्या जरूरत है? मैंने संसद में भी यह बात कही है।’ 

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष ने इस दौरान सवाल भी किया। उन्होंने पूछा कि वंशवाद की राजनीति के बारे में बात करते समय हम प्रदर्शन को लेकर बात क्यों नहीं कर सकते?

संसद में प्रदर्शन को क्यों नहीं देखते: सुप्रिया सुले
सुले ने कहा कि संसद के प्रदर्शन को आपको देखना चाहिए। संसद मेरे पिता, चाचा या मेरी मां की ओर से तो नहीं चलाई जा रही। लोकसभा में प्रदर्शन के आंकड़े बताते हैं कि मैं टॉप पर हूं। उन्होंने कहा, ‘कोई वंशवाद की राजनीति नहीं है। यह योग्यता पर निर्भर करता है। आप चुनिंदा तौर पर मेरे या किसी के खिलाफ भाई-भतीजावाद का इस्तेमाल नहीं कर सकते।’ इस दौरान सुप्रिया सुले से अजित पवार की कथित नाराजगी को लेकर सवाल पूछ गया। इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘कौन कहता है कि वह नाखुश हैं? क्या किसी ने उनसे पूछा है? इस तरह की बातें महज गपशप हैं। सच्चाई जो है वो बेशक इससे अलग है।’

मेरे पास राज्य की जिम्मेदारी: अजित पवार
अजित पवार ने खुद इस मामले पर शनिवार को पुणे में मीडियाकर्मियों से बातचीत की थी। उन्होंने कहा, ‘कुछ मीडिया चैनल ने ऐसी खबरें चलाईं हैं कि अजित पवार को कोई जिम्मेदारी नहीं मिली, मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि मेरे पास महाराष्ट्र में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी है।’

उन्होंने कहा कि वह स्वेच्छा से राज्य की राजनीति में सक्रिय हैं। महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘पिछले कई वर्षों से सुप्रिया दिल्ली में हैं। मैं राज्य की राजनीति में सक्रिय हूं। मेरे पास राज्य की जिम्मेदारी है क्योंकि मैं यहां का विपक्ष का नेता हूं।’

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अजित के नाखुश होने की अटकलों पर क्या बोले शरद
गौरतलब है कि अजित पवार ने 2019 में उस समय सभी को चौंका दिया था, जब उन्होंने भाजपा के साथ हाथ मिलाकर तड़के ही उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, जबकि देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।

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उधर, दिल्ली में कार्यक्रम के बाद शरद पवार ने उन अटकलों को खारिज किया कि सुले की नियुक्ति से उनके भतीजे अजित पवार नाखुश हैं। पवार ने कहा, ‘यह सुझाव उन्होंने (अजीत पवार) दिया था। तो उनके खुश या नाखुश होने का सवाल ही कहां है।’ मालूम हो कि पवार और पी.ए. संगमा ने 1999 में पार्टी की स्थापना की थी

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