सर्दी का सितम, मैनपाट में सीजन का पहला पाला….
अंबिकापुर – जिसका मैनपाट के लोगों को इंतजार था,आखिर आज वह दिलकश नजारा उन्हे देखने व आनंद लेने को मिल गया। यहां शीत लहर का ऐसा असर हुआ कि शहर से लेकर पहाड़ी इलाकों तक जमकर पाला गिरा। अंबिकापुर से लगे खैरबार और मैनपाट में खेत, खलिहान, पुआल के ढेर और मैदानों में पाला सफेद चादर के समान बिछ गया। बाहर खड़े वाहनों पर बर्फ के समान मोटी परत बिछ गई। इस सीजन का पहला पाला था। कड़ाके की ठंड के बीच संभाग मुख्यालय अंबिकापुर के न्यूनतम तापमान में 24 घंटे के भीतर करीब पांच डिग्री की तगड़ी गिरावट दर्ज की गई। अचानक गिरे पारा से लोग ठंड के कारण सिहर उठे।
बलरामपुर जिला मुख्यालय का पारा सबसे कम 2.4 डिग्री दर्ज हुआ जो संभवत: प्रदेश का सबसे कम तापमान है। अंबिकापुर में इस सीजन का सबसे न्यूनतम 6 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। इधर मैनपाट का पारा भी 2 से 3 डिग्री के बीच बना हुआ है। अचानक बढ़ी ठंड से लोग बेहाल हैं। शीतलहर का असर बरकरार रहने से उत्त्तरी छत्तीसगढ़ में अगले 24 घंटे के दौरान न्यूनतम तापमान के और गिरने की संभावना है।
पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से माना जा रहा था कि उत्तर छत्तीसगढ़ में ठंड में बढ़ोतरी होगी। इससे पहले सरगुजा संभाग में तापमान आठ और 10 डिग्री के बीच बना हुआ है। लेकिन उत्तर की ओर से चली ठंडी हवा ने तापमान को न्यूनतम स्तर पर ला दिया। इसके संकेत शनिवार से ही मिलने लगे थे। दिन भर इलाके में शीत लहर का असर बना रहा। शाम ढलते ही सड़कों में आवाजाही कम हो गई थी।
रविवार सुबह शहर से लगे खैरबार, मैनपाट, सामरी पाट, बलरामपुर इलाके में जमकर पाला गिरा। पाला गिरने के बाद हवा की ठंडक और बढ़ गई है। मौसम विज्ञानी एएम भट्ट के अनुसार न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे चले जाने और हवा स्थिर होने से पाला गिरा। शीत लहर की स्थिति अब भी बनी हुई है इससे आने वाले दिनों में सरगुजा संभाग के तापमान के और गिरने की संभावना है।अंबिकापुरशहर के न्यूनतम तापमान में इस सीजन की सबसे ज्यादा गिरावट हुई है। शनिवार को यहां का न्यूनतम तापमान 10.5 डिग्री था, जो 24 घंटे बाद 6 डिग्री पर पहुंच गया। यानी एक दिन में साढ़े चार डिग्री की गिरावट हुई है।