अंतरराष्ट्रीय

जब इमरान खान को गिरफ्तार करने हेलीकॉप्टर से पहुंची पुलिस… तब कैसा हुआ ड्रामा

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(शशि कोंनहेर) : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान एक बार फिर सड़कों पर उतर आए हैं. उन्होंने सोमवार को अपने हजारों समर्थकों के साथ मार्च निकाला. इस बीच इस्लामाबाद पुलिस हेलीकॉप्टर से उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची. लेकिन इसी बीच इमरान खान चुनावी रैली के लिए समर्थकों के हुजूम के साथ सड़कों पर निकल पड़े.

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इस बीच 70 साल के इमरान खान के समर्थकों ने उनके काफिले पर गुलाब के फूलों की बौछार की. उनका काफिला दाता दरबार की ओर बढ़ रहा है, जहां वह अपनी पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ के समर्थकों को संबोधित कर सकते हैं.

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इस्लामाबाद पुलिस जैसे ही विशेष हेलीकॉप्टर से उन्हें गिरफ्तार करने के लिए लाहौर उनके आवास पर पहुंची. वैसे ही इमरान अपने घर से रवाना हो गए. उनके खिलाफ एक महिला जज को धमकाने और तोशाखाना मामले में अदालत के समक्ष पेश नहीं होने को लेकर दो गैर जमानती वारंट जारी किए गए हैं.

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इससे पहले लाहौर जिला प्रशासन ने रैली, उसके रूट और सुरक्षा इंतजामों को लेकर उनके चर्चा की थी. जिला प्रशासन ने साथ में एक शर्त भी रखी थी कि पीटीआई पार्टी का कोई भी नेता न्यायपालिका या किसी अन्य संस्थान के खिलाफ बयान नहीं देगा.

इससे पहले रविवार को इमरान खान ने प्रशासन की रोक के बाद लाहौर में अपनी चुनावी रैली को रद्द करने का ऐलान किया था. इमरान खान ने शनिवार को कहा था कि वह रविवार को लाहौर में चुनावी रैली की अगुवाई करेंगे.हालांकि, उनके इस ऐलान के बाद स्थानीय प्रशासन ने प्रांतीय राजधानी में धारा 144 लगा दी.

इसके बाद खान ने सरकार के इस कदम का विरोध करते हुए यह कहकर चुनाव आयोग का रुख किया कि धारा 144 लगाना बहुत तरह से गलत है. इसके साथ ही इमरान खान ने अपनी रैली स्थगित कर कार्यकर्ताओं से किसी भी तरह के झांसे में नहीं फंसने को कहा था.

क्या है इमरान खान पर आरोप? 

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस्लामाबाद में जिला अदालत की सेशन जज जेबा चौधरी को धमकी दी थी. इमरान खान ने महिला जज जेबा चौधरी को धमकी भरे लहजे में उन्हें देख लेने को कहा था.

दरअसल इमरान खान की पीटीआई पार्टी के नेता शाहबाज गिल को पिछले साल राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. बीते साल 17 अगस्त को पुलिस ने इनकी रिमांड बढ़ाने की मांग की थी, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया था. शाहबाज गिल की रिमांड बढ़ाने का फैसला जेबा चौधरी ने ही सुनाया था, जिससे इमरान खान भड़क गए थे. 

इमरान खान ने बाद में एक रैली में कहा था कि जज जेबा चौधरी जानती थीं कि उनकी पार्टी के नेता शाहबाज गिल को जेल में प्रताड़ित किया गया लेकिन उन्हें जमानत नहीं दी. इसके बाद इमरान ने जेबा चौधरी को देख लेने की धमकी दी. बाद में इमरान के इस बयान को धमकी भरा मानते हुए उनके ऊपर आतंकवाद की धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था. इसी मामले में इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने इमरान को अवमानना का नोटिस भी जारी किया था.

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