अंतरराष्ट्रीय

देव सहायम पिल्लई को, पोप ने घोषित किया संत.. पहले भारतीय को मिला…!

(शशि कोन्हेर) :  देवसहायम पिल्लई को पोप ने संत घोषित किया है। यह उपलब्धि हासिल करने वाले वे पहले भारतीय बन गए हैं। बता दें कि देवसहायम पिल्लई जन्म से हिंदू थे। 18वीं शताब्दी उन्होंने ईसाई धर्म अपना लिया था। संत की उपाधि हासिल करने वाले वह पहले साधारण भारतीय शख्स हैं। पोप फ्रांसिस ने रविवार को वेटिकन में सेंट पीटर्स बेसिलिका में संतों की सूची में नाम शामिल करते समय 9 अन्य लोगों के साथ देवसहायम पिल्लई के भी संत होने का ऐलान किया। चर्च ने बताया कि पिल्लई ने संत बनने की प्रक्रिया पूरी कर ली है।

Advertisement

बता दें कि 2004 में कोट्टर सूबा, तमिलनाडु बिशप्स काउंसिल और भारत के कैथोलिक बिशप्स के सम्मेलन के अनुरोध पर, वेटिकन द्वारा बीटिफिकेशन की प्रक्रिया के लिए देवसाहयम की सिफारिश की गई थी। वेटिकन के सेंट पीटर्स बेसिलिका में पोप फ्रांसिस ने नौ अन्य लोगों के साथ देवसहायम पिल्लई को संत की उपाधि दी।

Advertisement
Advertisement

बता दें कि उन्होंने 1745 में ईसाई धर्म अपनाने के बाद ‘लेजारूस’ नाम रख लिया था। ‘लेजारूस’ का अर्थ ‘देवसहायम’ या ‘देवों की सहायता’ है। वेटिकन की तरफ से कहा गया है कि प्रचार करते समय, उन्होंने विशेष रूप से जातिगत मतभेदों के बावजूद सभी लोगों की समानता पर जोर दिया। इससे उच्च वर्गों के प्रति घृणा पैदा हुई और उन्हें 1749 में गिरफ्तार कर लिया गया। बढ़ती कठिनाइयों को सहन करने के बाद जब उन्हें 14 जनवरी 1752 को गोली मार दी गई तो उन्हें शहीद का दर्जा मिला।

Advertisement

पिल्लई को उनके जन्म के 300 साल बाद दो दिसंबर 2012 को कोट्टार में धन्य घोषित किया गया था। उनका जन्म 23 अप्रैल 1712 को कन्याकुमारी जिले के नट्टलम में एक हिंदू नायर परिवार में हुआ था, जो तत्कालीन त्रावणकोर साम्राज्य का हिस्सा था।

Advertisement
Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button