उत्तरप्रदेश

एंबुलेंस नहीं थी, इसलिए स्ट्रेचर पर पड़ा था मरीज, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने अपनी फ्लीट से पहुंचाया अस्पताल

(शशि कोन्हेर) : भाउराव देवरस (बीआरडी) अस्पताल में मंगलवार की शाम पांच बजे अचानक उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक निरीक्षण के लिए पहुंचे। उसी दौरान स्ट्रेचर पर पड़े एक लावारिस मरीज पर उनकी नजर पड़ी। डाक्टरों ने मरीज को ब्रेन स्ट्रोक की आशंका जताकर उसे बलरामपुर अस्पताल रेफर करने की बात बताई।

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मरीज को ले जाने के लिए 108 एंबुलेंस सेवा को फोन किया गया, लेकिन मिनटों तक एंबुलेंस नहीं पहुंच पाई। इस पर उपमुख्यमंत्री ने अस्पताल प्रशासन के अधिकारियों से पूछा कि उनके पास कोई एंबुलेंस है या नहीं। अधिकारियों ने एंबुलेंस न होने की जानकारी दी तो उपमुख्यमंत्री ने एम्बुलेंस मंगवाकर अपनी फ्लीट के साथ मरीज को बलरामपुर अस्पताल लेकर चल दिए।

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उपमुख्यमंत्री की फ्लीट से सायरन बजाते हुए आईटी चौराहा से बलरामपुर अस्पताल के इमरजेंसी तक मरीज को लेकर एंबुलेंस पहुंची। वहां पहले से ही तैयार डाक्टरों की टीम ने मरीज को इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कर जांच की।

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बलरामपुर अस्पताल के डाक्टरों ने मरीज की जांच कर ब्रेन स्ट्रोक की पुष्टि की। उपमुख्यमंत्री ने मरीज की जरूरी जांचें कर समुचित इलाज निश्शुल्क मुहैया करवाने के निर्देश दिए। सीएमएस डा. जीपी गुप्ता ने बताया कि मरीज को ब्रेन स्ट्रोक हुआ है।

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मरीज समय पर पहुंच गया अन्यथा जान बचनी मुश्किल थी। उसकी पूरी जानकारी नहीं मिल पाई है। उनकी खून और सीटी स्कैन समेत अन्य जांचें की गई हैं। डाक्टरों की एक टीम उन पर निगरानी रखे हुए हैं।

नहीं दुरुस्त मिली व्यवस्थाः महानगर स्थित बीआरडी अस्पताल में पहुंचे उपमुख्यमंत्री ने अस्पताल की साफ सफाई पर नाराजगी जताई। शाम पांच बजे पहुंचे उपमुख्यमंत्री इमरजेंसी सेवाओं का हाल लिया। वार्ड में दवा काउंटर और मेज पर जमी धूल और साफ सफाई पर अधिकारियों को फटकार लगाई।

उपमुख्यमंत्री के आने की जानकारी पाकर अस्पताल में खलबली मच गई। वहां उन्होंने वार्ड में जाकर मरीजों से भी हालचाल लिया। उन्होंने देखा कि स्ट्रेचर पर मरीज भर्ती किए जा रहे हैं और चादर भी साफ नहीं है। उपमुख्यमंत्री अस्पताल की व्यवस्था से नाराज दिखे और व्यवस्थाओं को बेहतर करने के लिए निर्देश दिए।

मरीजों से पूछा हालः वार्ड में पहुंचे उपमुख्यमंत्री ने भर्ती एक मरीज सूरज से उसका हाल पूछा। सूरज ने बताया कि उसे गले में परेशानी है। इलाज मिल रहा है, लेकिन दवा नहीं मिल पाई है।

उपमुख्यमंत्री ने डाक्टरों से इसका जवाब मांगा। उन्होंने बताया कि मरीज को ग्लूकोज के जरिए दवाएं दी जा रही हैं। इसके बाद उपमुख्यमंत्री ने पांच अन्य मरीजों और उनके परिजनों से इलाज संबंधी जानकारी ली।

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