बिलासपुर

आगामी नवरात्रि से पूरे दिन बन्द रखा जाएगा मछली का कारोबार, जन भावनाओ का ख्याल रखते रतनपुर के मछली व्यापारियो ने लिया स्वागत योग्य निर्णय….

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(विजय दानिकर) : बिलासपुर – धार्मिक नगरी रतनपुर में अपने व्यवसायिक हितों को नजरअंदाज करते हुए थोक एवं चिल्हर मछली व्यापारियों ने पूरे नवरात्र तक कारोबार बंद रखने का निर्णय लिया है। धार्मिक नगरी रतनपुर जनआस्था का केंद्र है। यहां शक्ति पीठ होने से देशभर से श्रद्धालु वर्षभर दर्शन के लिए आते हैं। विशेषकर नवरात्र पर तो यहां आस-पास से लाखों लोग आस्था का जोत लेकर रतनपुर पहुंचते हैं।

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रतनपुर की पहचान धार्मिक और पौराणिक नगरी के रूप में है और रतनपुर की सबसे बड़ी पहचान है मां महामाया का मंदिर। मगर रतनपुर तालाबों की भी नगरी है। यहां छोटे बड़े सैकड़ों तालाब है साथ ही पास में खुटाघाट जलाशय भी है। इसलिए रतनपुर मछली पालन और मछली व्यवसाय का भी बड़ा केंद्र है। यहां हर दिन कई टन मछली का व्यापार होता है। आसपास के सभी शहरों और कस्बों में यही से मछली की सप्लाई होती है,लेकिन जब नवरात्र के समय यहां सड़क पर मछली का कारोबार किया जाता है तो इससे श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत होती है। रतनपुर में पुराना बस स्टैंड और मेला ग्राउंड के आसपास एवं सड़क पर भी मछली का व्यवसाय किया जाता है। नवरात्र पर तो यहां संचालित होने वाले सभी होटल और ढाबा में भी केवल शाकाहारी खाना ही परोसा जाता है, लेकिन इसी दौरान बाजार में चिकन,मछली, मटन बिकने से लोगों की भावनाएं आहत हो रही थी। लंबे समय से यह मांग भी उठ रही थी कि नवरात्र पर भी शराब और मांसाहार का व्यवसाय बंद किया जाए। लोगों का तर्क यह है कि जब एक मानव गांधी की जयंती पर शराब और मांस का विक्रय बंद हो सकता है तो फिर हिंदुओं की सबसे बड़ी आराध्या देवी के उपासना अवसर पर ऐसा क्यों नहीं हो सकता। इस विषय में सरकार तो अनिर्णय की स्थिति में रही लेकिन रतनपुर के मछुआ व्यापारी संघ ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए रविवार से नवरात्र समाप्त होने तक यानी आगामी 04 दिनों तक मछली का व्यवसाय पूरी तरह से बंद रखने का निर्णय लिया है। इस रविवार से रतनपुर में मछली का थोक और चिल्लर कारोबार बंद कर दिया गया। इससे रतनपुर के मछली व्यापारियों को भले ही लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है लेकिन जन भावना का ख्याल रखते हुए उन्होंने यह ऐतिहासिक फैसला लिया है। मछुआ संघ के उपाध्यक्ष अशोक कहरा ने बताया कि इस वर्ष से यह निर्णय लिया गया है और आगामी नवरात्रि में पूरे 09 दिन मछली का व्यापार बंद रखा जाएगा। मछुआ व्यापारी संघ के इस फैसले का रतनपुर वासियों ने स्वागत करते हुए हर्ष व्यक्त किया है। इस संबंध में नगर पालिका उपाध्यक्ष का कहना है कि मछुआ व्यापारी संघ का यह निर्णय स्वागत योग्य है और इससे अच्छा संदेश जा रहा है। मछुआ व्यापारी संघ के उपाध्यक्ष अशोक कहरा के इस निर्णय का पूरे रतनपुर में स्वागत किया जा रहा है और उम्मीद की जा रही है कि इनसे प्रेरित होकर अन्य शहरों में भी नवरात्र पर इस तरह का निर्णय लिया जाएगा। जिस वक्त अधिकांश व्यापारियो का जोर केवल मुनाफा पर होता है उस दौरान पूरे 09 दिन मछली का कारोबार बंद रखना साहसिक निर्णय है और इसके लिए सभी को सहमत कर पाना भी आसान नहीं था। लेकिन मछुआ संघ ने इस कठिन चुनौती को पूरा कर दिखाया। कारोबारी हित को परे रखते हुए जन भावना को यहां तरजीह दी गई है। अब विजय दशमी तक रतनपुर में मछली का कारोबार पूरी तरह से बंद रहेगा। लोगों का की मांग है कि इसी तरह का फैसला मटन और चिकन बेचने वालों को भी करना चाहिए। देश के कई धार्मिक स्थल ऐसे हैं जहां मांस मदिरा का विक्रय पूरी तरह से प्रतिबंधित है। अगर राज्य सरकार ऐसा निर्णय नहीं ले पा रही है तो इसके कारोबारियों को ही आगे बढ़कर ऐसी पहल करनी होगी ताकि वे जन भावना का ख्याल रख सके जिससे उनका व्यापार वर्ष के अन्य दिनों में सुचारू रूप से संचालित हो सके।

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