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बनारस में ईवीएम को लेकर सपा और अखिलेश यादव ने किया फालतू का बखेड़ा, खोदा पहाड़ निकली चुहिया…..

(शशि कोन्हेर) : समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने वाराणसी में ईवीएम मशीनों को ले जाती एक गाड़ी को घेरकर चुनाव में धांधली का जबरिया शोर मचाया। सपा का यह शोर निकला खोदा पहाड़ निकली चुहिया सा हो गया। दरअसल सपा कार्यकर्ताओं ने गाड़ी पर लदी जिन ईवीएम मशीनों को रोक कर हंगामा शुरू किया था वह मशीनें मतगणना कि ड्यूटी पर लगे अधिकारियों-कर्मचारियों को मतगणना का प्रशिक्षण देने के लिए भेजी गई थी। चुनाव आयोग ने भी बयान जारी कर कहा है कि वाराणसी में गाड़ी से बरामद की गई EVM मशीनें अधिकारियों के लिए मतगणना की ट्रेनिंग के मकसद से लाई गई थीं. चुनाव आयोग ने कहा कि इन मशीनों का मतदान में इस्तेमाल नहीं किया गया. आयोग ने पत्र जारी कर स्पष्टीकरण दिया है.

चुनाव आयोग ने लिखा है कि वाराणसी में 8 मार्च को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (EVM) गाड़ी में ले जाने का मामला संज्ञान में आया है. इस पर राजनीतिक प्रतिनिधियों ने आपत्ति जताई है. जिला निर्वाचन अधिकारी के मुताबिक EVM प्रशिक्षण के लिए लाई गईं थीं. मतगणना अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए जिले में 9 मार्च को प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है. इसके लिए ही इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) मंडी में स्थित अलग खाद्य गोदाम के स्टोरेज से प्रशिक्षण स्थल यूपी कॉलेज ले जायी जा रही थीं. 9 मार्च को काउंटिंग ड्यूटी में लगे कर्मचारियों की दूसरी ट्रेनिंग में इसका इस्तेमाल किया जाना था. हैंड्स ऑन ट्रेनिंग के लिए हमेशा इन मशीनों का उपयोग किया जाता है. मशीनों के बारे में राजनीतिक दल जो भी कह रहे हैं, वह सिर्फ अफवाह है.

चुनाव आयोग ने कहा कि मतदान में इस्तेमाल की गई इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें स्ट्रॉन्ग रूम के अंदर सील बंद रखी हैं. ये मशीनें केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बलों की 3 लेयर सुरक्षा घेरे में सुरक्षित रखी है। स्ट्रांग रूम में सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं जिसके जरिए सभी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता 24 घंटे स्ट्रांग रूम और वहां रखी मशीनों की निगरानी कर रहे हैं।

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