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किसी के पास 49 करोड़ मिले, कोई फेंक रहा था दो करोड़ रुपये

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(शशि कोन्हेर) : महाराष्ट्र में आईएएस अधिकारी संजीव जायसवाल के घर जांच में ईडी को 24 संपत्तियों का पता चला है। ये प्रॉपर्टी संजीव जायसवाल और उनकी पत्नी के नाम पर है। इन संपत्तियों में मड आईलैंड में आधे एकड़ का एक प्लॉट भी शामिल है। इसके अलावा कई फ्लैट्स भी हैं। इनकी कुल कीमत 34 करोड़ रुपये बताई जा रही है।

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इसके अलावा 15 करोड़ रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट भी करा रखी है। बीएमसी की ओर से दिए गए कॉन्ट्रैक्ट्स में धोखाधड़ी किए जाने के मामले की जांच के दौरान इन संपत्तियों का खुलासा हुआ है। इस बीच एक मामला ओडिशा का भी सामने आया है, जहां एक अधिकारी विजिलेंस टीम के छापे के डर से 2 करोड़ रुपये की रकम पड़ोसी के घर फेंक रहा था।

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अधिकारी ने ईडी अफसरों से कहा कि उनके पास 34 करोड़ रुपये की जो संपत्ति है, वह उनकी पत्नी के पैरेंट्स ने दी थी। अधिकारी ने कहा कि मेरी पत्नी के पिता आईआरएस अधिकारी थे। उनकी ओर से ही पत्नी को यह संपत्तियां दी गई थीं। संजीव जायसवाल के घर पर ईडी ने बुधवार को सर्च किया था, जिसके बाद यह खुलासा हुआ।

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ईडी ने गुरुवार को अफसर को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन वह नहीं पहुंचे। ईडी के अधिकारियों का कहना है कि संजीव जायसवाल की कुल संपत्ति 100 करोड़ रुपये के करीब हो सकती है। ईडी के अफसर संजीव जायसवाल से कॉन्ट्रैक्ट्स के बारे में पूछताछ करना चाहते हैं।

संजीव जायसवाल उस दौरान बीएमसी के अडिशनल कमिश्नर थे, जब ये कॉन्ट्रैक्ट्स दिए गए थे। अब वह म्हाडा के उपाध्यक्ष एवं सीईओ हैं। ईडी की टीम ने बुधवार देर रात तक जांच की और इस दौरान संजीव जायसवाल भी मौजूद रहे। ईडी सूत्रों के मुताबिक जायसवाल ने खुद ही प्रॉपर्टी के दस्तावेज दिखाए।

इसके अलावा अपने और पत्नी के इनकम टैक्स जमा करने के डॉक्युमेंट्स भी पेश किए। जायसवाल ने कहा कि इनमें से ज्यादातर संपत्तियों की खरीद 1980-1990 के दशक में की गई थी। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना के दौरान जिन चीजों की खरीद और ठेकों को लेकर घोटाले के आरोप लगाए गए हैं, वे विभाग उनके मातहत नहीं थे।

आईएएस अफसर ने कहा कि जिन मामलों की जांच चल रही है, उनकी फाइलों पर जूनियर अफसरों और अडिशनल म्यूनिसिपल कमिश्नर (हेल्थ) ने साइन किए थे। इसके बाद ये फाइलें उनके पास पहुंची थीं। अंत में इन फाइलों को बीएमसी के कमिश्नर आईएस चाहल ने मंजूरी दी थी। पूर्व भाजपा सांसद किरीट सौमैया ने गुरुवार को ही ट्वीट कर कहा था कि इन कॉन्ट्रैक्ट्स पर जायसवाल और चाहल ने साइन किए थे।

ओडिशा के नबरंगपुर जिले में शुक्रवार सुबह डिप्टी कलेक्टर प्रशांत राउत को 2 करोड़ रुपये कैश के साथ पकड़ा है। खुद को बचाने के लिए प्रशांत राउत दो करोड़ रुपये की रकम पड़ोसी की छत पर फेंक रहा था। यह पूरी रकम 500 रुपये के नोटों में थी।

विजिलेंस के एक अफसर ने कहा, ‘हमने अधिकारी के घर से 500 रुपये के नोटों के छह कार्टन जब्त किए हैं। उसने हाल ही में 2000 रुपये के नोटों को 500 की करेंसी में बदला था। हमें अब तक उसके घर से 2 करोड़ रुपये नकद मिले हैं। अभी और भी मिलने की संभावना है। दिन के अंत तक हमें छुपी हुई अवैध आय के बारे में पता चल जाएगा।’

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