देश

पटना में विपक्ष को एकजुट कर ‘चाणक्य’ और ‘चंद्रगुप्त’ दोनों बनना चाहते हैं नीतीश कुमार

Advertisement

(शशि कोन्हेर) : पिछले 18 सालों से बिहार के ‘चंद्रगुप्त’ यानी शासक की भूमिका निभा रहे नीतीश कुमार अब भारत का ‘चंद्रगुप्त’ बनने के सपने को साकार करना चाहते हैं। मगर कहानी में ट्विस्ट ये है कि सुशासन बाबू ‘चंद्रगुप्त’ के साथ-साथ ‘चाणक्य’ का डबल रोल भी खुद ही करने की फिराक में हैं।

Advertisement
Advertisement

‘चंद्रगुप्त’ इसलिए ताकि भारत के पहले बिहारी प्रधानमंत्री के रूप से शपथ ले सकें और ‘चाणक्य’ इसलिए ताकि मोदी को सत्ता से उखाड़ फेंकने की बरसों पुरानी प्रतिज्ञा को अमली जामा पहना सकें। मगर लाख टके का सवाल ये है कि ये सब होगा कैसे।

Advertisement

विपक्षी एकता का सपना: लोकसभा चुनाव 2024 में मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी को हराने के लिए समुचा विपक्ष एक ही छत के नीचे इकट्ठा होकर एक इरादे और एक स्वर में विरोध की आवाज उठाए, ये सुनहरा ख्वाब फिलहाल सच होता तो नहीं दिख रहा है। वजह प्रधानमंत्री पद पर एक से कहीं अधिक दावेदारी… राहुल गांधी, ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल तक PM बनने के हसीन सपने देख रहे हैं।

Advertisement

नीतीश कुमार भी इनसे जुदा नहीं हैं। पीएम बनने का स्वप्त तो उनके हृदय में 2019 के लोकसभा चुनावों से रही हिलोरे मार रहा है। मगर उसे सच करने का मौका अब तक नहीं मिल पाया। मगर तेजस्वी यादव के साथ बिहार में सरकार बनाने के बाद नीतीश कुमार ने विपक्षी एकता के लिए जी तोड़ मेहनत की है…ममता से लेकर राहुल गांधी और खड़गे तक और अरविंद केजरीवाल से लेकर नवीन पटनायक और उद्धव ठाकरे तक, नीतीश विपक्ष के तमाम बड़े नेताओं से मिलकर उन्हें एक झंडे में लाने की कवायद कर चुके हैं। उनकी कोशिश अब रंग लाती भी नजर आ रही है।

पाटलीपुत्र से दिल्ली को चुनौती: नीतीश कुमार की जी तोड़ कोशिश के बाद तय हुआ था कि 12 जून 2023 को पटना में विपक्षी दलों के अध्यक्ष या शीर्ष नेता एक जुट होकर 2024 की साझा रणनीति बनाएंगे, मगर वो बैठक टल गई तो लगा कि विपक्ष को एकजुट करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। मगर अब 23 जून को पटना में विपक्ष के दिग्गज नेताओं की बैठक होगी।

खबरों के मुताबिक, इस बैठक में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव तो बतौर मेजबान रहेंगे ही, मगर टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी, आप मुखिया अरविंद केजरीवाल, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और एनसीपी चीफ शरद पवार भी मौजूद रहेंगे। साथ ही हेमंत सोरेन, उद्धव ठाकरे, डी राजा और सीताराम येचुरी भी शामिल होंगे।

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button