मुंगेली

5 वर्षीय बच्ची का पैर बचाने लगाई माँ के पैर की हड्डी….

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(मोहम्मद अलीम) : मुंगेली। पथरिया टेमनगढ़ निवासी, 5 वर्षीय बेबी पानिय सोंधले, अपने पैर में चोट लगने के बाद आये सूजन और दर्द से परेशान थी, उसके माता पिता ने क़रीब के डॉक्टर से सलाह और इलाज चालू कराया। समय निकालते निकलते, पैर में मवाद भर गया और समय के साथ ये मवाद हड़ियो को भी खाने लगा। परिजन बच्ची को प्राइवेट हॉस्पिटल बिलापसुर में ले गये जहां उन्हें पैर काटने की सलाह दी गई। लेकिन परिजन इतने कम उम्र में बच्ची का पैर काटने से सहमत नहीं थे।

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सारी जगहों से निराश होने पर, परिजन बच्ची को ज़िला अस्पताल मुँगेली लेकर आये। यहा अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ श्रेयांश पारख से परामर्श किया और बच्ची की संपूर्ण जाँच कर उन्होंने, पैर को बचाने हेतु, पैर की सढ़ चुकी एक बड़ी हड्डी को निकाल कर पहले मवाद सफ़ाई कर उसमे बाहरी शिकंजा लगाने की सलाह दी।

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परिजनों की सहमति से हुए पहले शल्य क्रिया के कुछ ही दिनों बाद, बच्ची के पैर का सूजन एवं दर्द कम होने लगा। बेबी पानिया एवं उसके माता पिता के चेहरे की मुस्कान लौटने लगी थी।

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किंतु पैर की हड्डी का बड़ा हिस्सा निकल जाने के कारण, बेबी पानियl अभी भी चलने में असमर्थ थी।
डॉ पारख ने बताया की ऐसे स्थिति में आमतौर पर मरीज़ के दूसरे पैर की हड्डी का उपयोग किया जाता हैं परंतु बच्ची की छोटी उम्र के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा था।


बच्ची के माता-पिता से लंबी चर्चा एवं सहमति के बाद, डॉ पारख ने बच्ची को वापस चलाने के लिये, बच्ची की माँ के पैर से हड्डी निकाल कर बच्ची के पैर में लगाने की सलाह दी।
यह एक जटिल शल्य क्रिया हैं। इससे पहले राजधानी दिल्ली के एम्स अस्पताल में भी ऐसा ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया जा चुका हैं।


3 घंटे चलने वाली जटिल शल्य क्रिया के बाद, पुनिया की माँ के शरीर की हड्डी, पुनिया के शरीर में सफलतापूर्वक लगा दी गई। ऑपरेशन के बाद पुनिया और उसकी माता दोनों ही स्वस्थ्य हैं।


पुनिया के परिजनों ने शल्य क्रिया की टीम के साथ साथ सिविल सर्जन एवं संपूर्ण अस्पताल प्रबंधन का उत्कृष्ट सेवा के लिए आभार व्यक्त किया।

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