विदेश

भारत की दी मदद श्रीलंका पहुँची, अब किसानों के लिए पहुंचाया 46 हजार मीट्रिक टन फर्टीलाइजर…..

आर्थिक बदहाली के संकट से जूझ रहे श्रीलंका के लिए भारत एक बार फिर मददगार साबित हुआ है। भारत ने इस बार 46 हजार मेट्रिक टन यूरिया भेजकर की है। श्रीलंका की मीडिया के मुताबिक भारत से यूरिया का ये कंसाइनमेंट हाल ही में श्रीलंका को हासिल हुआ है। भारत से भेजे गए इस यूरिया को सरकारी वेयरहाउस में रखा गया है। स्‍थानीय मीडिया के मुताबिक पूर्व राष्‍ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे प्रशासन द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के बाद यूरिया का पहला कंसाइनमेंट श्रीलंका पहुंचा है। अब अगला कंसाइनमेंट 22-23 जुलाई के बीच श्रीलंका पहुंचेगा।

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बता दें कि श्रीलंका के ऊपर 51 अरब डालर का विदेशी कर्ज है। इसको उतारने में श्रीलंका पूरी तरह से असमर्थमता जता चुका है। बांग्‍लादेश से मिले कर्ज को चुकाने में भी श्रीलंका ने अपनी असमर्थता जताई थी जिसके बाद उसने कर्ज अदायगी की नई शर्तें तय की थी। श्रीलंका की कोशिश है कि वो अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष से किसी सूरत से धन पाने में कामयाब हो जाए। हालांकि उसकी ये कोशिश अब तक सफल नहीं हो सकी है। वहीं दूसरी तरफ श्रीलंका में जरूरी चीजों की लगातार कमी होती जा रही है।

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पिछले दिनों गोटाबाया राजपक्षे ने रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन से भी बदहाल होते श्रीलंका की मदद करने की गुहार लगाई थी। श्रीलंका और रूस के बीच हुई बातचीत में दोनों देशों के बीच विभिन्‍न मुद्दों पर इस दौरान बातचीत हुई थी। दोनों ही पक्ष संबंधों को मजबूती देने पर भी राजी हुए थे।

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भारत से भी श्रीलंका मदद की गुहार लगा चुका है। लेकिन वहां पर कोई स्‍थायी सरकार न होने की वजह से इसमें दिक्‍कत आ रही है। हालांकि भारत की मदद करने की अपनी कुछ सीमाएं हैं। बता दें कि भारत श्रीलंका को पूर्व में 5 अरब डालर की मदद कर चुका है। राजपक्षे सरकार की चीन समर्थित नीतियों की बदौलत ही आज श्रीलंका इस अभूतपूर्व संकट से जूझ रहा है।

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