छत्तीसगढ़

अपनी मांगों को लेकर 5 लाख कर्मचारी रहेंगे हड़ताल पर……

रायपुर: प्रदेश भर के 5 लाख कर्मचारी 25 से 29 जुलाई तक अवकाश लेकर ये आंदोलन करेंगे. केंद्रीय कर्मचारियों के समान 34 प्रतिशत मंहगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता सहित अन्य प्रमुख मांगों के लिए 5 दिन तक आंदोलन करेंगे. 23,24 जुलाई और 30,31 जुलाई को शनिवार रविवार पड़ने से पूरे 9 दिन काम प्रभावित रहेगा.

25 से 28 जुलाई तक हर जिला, तहसील, विकासखंड में सशक्त आंदोलन किए जाने की तैयारी है. 29 जुलाई को सभी कर्मचारियों मिलकर राजधानी में आंदोलन करेंगे, फेडरेशन के प्रवक्ता विजय झा ने कहा कि ये लज्जाजनक स्थिति है कि केंद्रीय कर्मचारियों को 34% महंगाई भत्ता ले रहे है, वहीं छत्तीसगढ़ के विद्युत कर्मचारी भी 34% महंगाई भत्ता ले रहे है।

लेकिन प्रदेश का कर्मचारी दोयमदर्जा का नागरिक हो गया है. महंगाई भत्ता, क्षतिपूर्ति भत्ता, गृहभाड़ा भत्ता समेत तमाम मांगों को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ज्ञापन भी सौंपेंगे. इस आंदोलन में कर्मचारी हितों को ध्यान में रखते हुए सर्व शिक्षक संघ शामिल रहेगा. इसके साथ ही अनियमित आंगनबाड़ी, सफाई कर्मचारी भी शामिल होंगे.  

कर्मचारी संघ के पदाधिकारी ने कहा कि इससे पहले भी अपनी तमाम मांगों को लेकर लड़ाई लड़ चुका है, लेकिन कुछ नहीं हुआ, इस बार भी कैबिनेट में कोई निर्णय नहीं लिया गया, इससे कर्मचारियों में आक्रोश है. वे अवकाश लेकर एक बड़ा आंदोलन करने जा रहे है. जानकारी के मुताबिक वर्तमान में राज्य में कई तरह के मंहगाई भत्ता लागू है।

, वहीं राज्य कर्मचारियों को केवल 22 प्रतिशत मंहगाई भत्ता दिया जाता है जो कि केंद्रीय कर्मचारियों से 12 प्रतिशत कम है.  झा ने इसे करो या मरो का आंदोलन कहा और इसके बाद कभी कोई आंदोलन न करने की बात भी कही. इस आंदोलन से विधानसभा का कार्य भी प्रभावित रह सकता है।

छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने कर्मचारियों की उपेक्षा की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि जो कर्मचारी लगातार धैर्यपूर्वक अपनी मांग कर रहे उन्हें शासन द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा है, जबकि मंत्री और विधायकों का वेतन 3 साल में दो बार बढ़ गया. यह पूरी तरह से पक्षपात है. अब समय आ गया है प्रदेश के कर्मचारी एकजुट हो और एक बड़ा आंदोलन करें.

बढ़ती मंहगाई से परिवार चलाना मुश्किल
छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ के प्रांतीय महासचिव धर्मेश शर्मा और प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा ने कहा कि- केंद्र के बराबर महंगाई भत्ता नही मिलने से कर्मचारियों को इस बढ़ती मंहगाई में अपना लालन पालन करना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में शासन द्वारा का न बढ़ाया जाना स्पष्ट रूप से उपेक्षित किया जाना है, जबकि मंत्रियों व विधायकों का वेतन 3 साल में 2 बार बढ़ा है. केंद्र के बराबर मंहगाई भत्ता मिले, यह प्रत्येक कर्मचारी का अधिकार है।

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