छत्तीसगढ़

सरकार ने नहीं दी तो बच्चों ने खुद कर ली अपनी छुट्टी….

  • (शशि कोन्हेर) : बिलासपुर। राज्य सरकार द्वारा भाई दूज और चित्रगुप्त पूजा पर शासकीय छुट्टी घोषित नहीं करना अव्यवहारिक साबित हुआ। गुरूवार 27 अक्टूबर को दोपहर 12 : 42 बजे तक दूज होने के चलते दूसरे दिन भी यह पर्व मनाया गया जबकि कायस्थों ने आकस्मिक अवकाश लेकर अपने आराध्य कुलदेवता चित्रगुप्त और कलम दवात की पूजा की।
  • सूर्यग्रहण के चलते दीपावली के अंतिम दिन मनाए जाने वाले दोनों पर्व 27 अक्टूबर को पड़ रहे थे। पंचांग में भी इस आशय की जानकारी थी। राज्य सरकार के छुट्टी निर्धारित करने वाले सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने इसकी अनदेखी करते हुए 26 अक्टूबर तक छुट्टी घोषित‌ की थी। लिहाजा शिक्षकों और स्टूडेंट्स ने खुद छुट्टी मनाकर सरकार के इस फैसले को मजाक बना दिया। हिंदू आस्था का सम्मान करते हुए सेंट जेवियर्स डीएवी जैसे स्कूलों ने भी छुट्टी दी लेकिन राज्य सरकार ने शिक्षक संगठनों और कायस्थ समाज की मांग पर विचार कर छुट्टी देना जरूरी नहीं समझा। जो स्कूल खुले। वहां बहुत कम शिक्षक पहुंचे लेकिन बच्चे नदारत रहे। भृत्य भी कम आए।

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छुट्टी का निर्धारण संवेदनशील अधिकारी करें – ऐसे मौकों पर समाज विशेष की भावना का ध्यान रखते हुए सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाना चाहिए। ऐसी समझ सोच रखने वाले अधिकारी सामान्य प्रशासन विभाग में रखे जाने चाहिए जिनको समाज के द्वारा मनाए जाने वाले विशेष पर्व की जानकारी हो‌ और उन्हें इसके लिए समाज विशेष को सार्वजनिक तौर पर छुट्टी देने की उपयोगिता की संवेदना हो।

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