देश

अच्छी ख़बर  : यूक्रेन से निकाले गए मेडिकल छात्र भारत से दे सकते हैं फाइनल एग्जाम

Advertisement

(शशि कोन्हेर) : यूक्रेन युद्ध के बाद वहां से निकाले गए भारतीय मेडिकल छात्रों के लिए अच्छी खबर है। यूक्रेन ने भारत को सूचित किया है कि पिछले साल रूसी आक्रमण के कारण निकाले गए हजारों मेडिकल छात्र अब भारत में ही अपना फाइनल या क्वालिफिकेशन एग्जाम दे सकेंगे। युद्ध के बाद हजारों मेडिकल छात्रों की पढ़ाई ठप्प हो गई है। भारत यात्रा पर आईं यूक्रेन की प्रथम उप विदेश मंत्री एमिन जापारोवा और विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा के बीच बातचीत में भारतीय छात्रों के भविष्य का मुद्दा उठा था।

Advertisement
Advertisement

विदेश मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी एक बयान में कहा गया, “भारतीय मेडिकल छात्रों के मुद्दे पर, (जापरोवा] ने बताया कि यूक्रेन विदेशी मेडिकल छात्रों को उनके ही देश से यूनिफाइड स्टेट क्वालिफिकेशन एग्जाम (USQE) देने की अनुमति देगा।” यानी अब युद्ध के बीच ऑपेरशन गंगा के तहत भारत लौटे छात्रों को अपनी मुख्य परीक्षा देने के लिए यूक्रेन जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

Advertisement

जापरोवा ने अपनी तीन दिवसीय नई दिल्ली यात्रा के दौरान छात्रों को लेकर यह खबर दी। जापरोवा ने एक इंटरव्यू में एचटी को बताया कि लगभग 14,000 भारतीय छात्रों को यूक्रेन की इस शैक्षणिक पहल से लाभ होगा। उन्होंने कहा कि ये छात्र ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं और सुरक्षा चिंताओं के कारण यूक्रेन वापस जाए बिना भारत में ही क्वालिफिकेशन या फाइनल एग्जाम दे सकते हैं।

Advertisement

उन्होंने कहा कि लगभग 2,000 भारतीय छात्र यूक्रेन लौट आए हैं और उनमें से ज्यादातर देश के पश्चिमी हिस्से में स्थित मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे हैं। पिछले साल 20,000 से अधिक भारतीय छात्रों की वापसी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि युद्ध के समाधान के बाद हमारे यहां और अधिक छात्र आएंगे, लेकिन हमने यूक्रेन से छात्रों को सुरक्षित तरीके से निकालने के लिए सच में अपनी पूरी कोशिश की।”

यूक्रेन की प्रथम उप विदेश मंत्री जापारोवा की तीन दिवसीय यात्रा बुधवार को समाप्त हो गई। पिछले वर्ष 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद यूक्रेन से किसी नेता की यह पहली भारत यात्रा है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेन ने दवाओं, चिकित्सा उपकरणों सहित अतिरिक्त मानवीय आपूर्ति का आग्रह किया है।

वहीं, विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा के साथ बैठक के दौरान यू्क्रेन की प्रथम उप विदेश मंत्री ने प्रस्ताव किया कि यूक्रेन में आधारभूत ढांचे का पुनर्निर्माण भारतीय कंपनियों के लिए एक अवसर हो सकता है। मंत्रालय के बयान के अनुसार, अपनी यात्रा के दौरान जापारोवा ने भारत के साथ मजबूत और करीबी संबंध बनाने की यूक्रेन की इच्छा को रेखांकित किया।

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button