बिलासपुर

बैंक से रेलवे ठेकेदार के नाम पर 14 लाख का लोन निकालकर धोखाधड़ी, पुलिस में हुई शिकायत…..

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बिलासपुर – जमीन दलाल ने रेलवे के पेटी कांट्रैक्टर को जमीन दिखाई । इसके बाद लोन दिलाने बैंक ले गया । बाद में पता चला कि जमीन विवादित है तो उन्होंने लेने से इनकार कर दिया । दो साल बाद कॉन्ट्रेक्टर को पता चला कि उनके नाम पर उसी बैंक 14 लाख रुपए का लोन निकाल लिया गया है । पीड़ित ने मामले की शिकायत एसएसपी से की तब कोटा पुलिस ने जांच शुरू की । पुलिस का कहना है , जांच जारी है इसलिए एफआईआर नहीं की गई है । उसलापुर गुलमोहर पार्क कॉलोनी निवासी अजय सिंह पिता स्व . रामचंदर सिंह ( 45 ) के अनुसार वे रेलवे ठेकेदारी में पेटी कांट्रैक्टर है । उनका कहना है कि 2016 में वे घर बनाने जमीन खरीदने चाह रहे थे । शुभम विहार निवासी कौशल सिंह ने नेहरू नगर गीतांजली सिटी के पास उन्हें जमीन दिखाई । जमीन पसंद आई पर पैसे कम पड़ गए ।

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रेलवे ठेकेदार का आरोप है कि इस बीच कौशल ने कहा कि वह सेंट्रल बैंक कोटा से लोन दिलवा देगा और कोटा ले भी गया । कौशल ने अजय का परिचय सेंट्रल बैंक के मैनेजर मनीष तिवारी से कराया । बैंक मैनेजर ने 22 लाख रुपए लोन मिलने के बारे में बताया और डॉक्यूमेंट लेकर कुछ कागजात पर हस्ताक्षर कराए । फिर दोनों लौट आए । कुछ दिन बाद पता चला कि जिस जमीन का अजय सिंह ने सौदा किया था वह विवादित है । इसलिए उन्होंने जमीन लेने से इनकार कर दिया । इसके बाद 2018 में वे स्कूटी खरीदने एजेंसी गए । फाइनेंस कराने रिकॉर्ड चेक किया गया तो पता चला उनके नाम से सेंट्रल बैंक करगीरोड कोटा में पहले से होम लोन है , इसलिए उन्हें लोन नहीं मिला । रेलवे ठेकेदार ने कोटा सेंट्रल बैंक जाकर संपर्क किया तो पता चला कि 2016 से उनके नाम पर 14 लाख रुपए का होम लोन लिया गया है । यह रकम चेक से गोविंद कंस्ट्रक्शन व्यापार विहार बिलासपुर के नाम पर जमा हुआ था ।

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कोटा टीआई दिनेश चंद्रा ने बताया – हस्ताक्षर की जांच रिपोर्ट व बैंक के जवाब का इंतजार ” जिनके नाम से शिकायत हैं उनका बयान हो गया है । बैंक से डिटेल निकलवाया गया है । अजय सिंह का कहना है कि दस्तावेज में उनके साइन नहीं हैं पर वर्तमान का व पहले का साइन एक जैसा ही प्रतीत हो रहा है । इसकी जांच कराई जा रही है । इधर बैंक से पूछा गया है कि बिना जमीन की रजिस्ट्री के लोन सेंक्शन किस आधार पर किया गया और पैसे कैसे ट्रांसफर हो गए ।

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अजय सिंह के अनुसार उन्होंने कौशल सिंह के साथ गोविंदा कंस्ट्रक्शन व्यापार विहार के प्रोपाइटर राजेश सिंह ठाकुर व नरेंद्र मोटवानी से जाकर संपर्क किया तो दोनों ने पैसा वापस करने का आश्वासन दिया और समय मांगा । इसके बाद पैसा वापस का वादा कर घुमाने लगे । इससे त्रस्त होकर वे फिर सेंट्रल बैंक कोटा गए और लोन से संबंधित दस्तावेज मांगे । दस्तावेज के डॉक्यूमेंट में एग्रीमेंट में उनके फर्जी हस्ताक्षर थे । उन्हें धोखाधड़ी का अहसास हुआ । 7 जुलाई 2022 को एसएसपी पारुल माथुर के पास जाकर शिकायत की । एसएसपी के निर्देश पर कोटा पुलिस ने उनका बयान लिया । इसमें उन्होंने पूरे घटनाक्रम का ब्योरा देते हुए कौशल सिंह , राजेश सिंह ठाकुर व नरेंद्र मोटवानी पर अपने नाम से लोन का पैसा निकालकर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया । पुलिस ने अभी तक इस पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की है । अजय सिंह ने इस मामले में कोटा पुलिस की भूमिका पर संदेह व्यक्त की है।

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