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चुनाव आयोग के नोटिस से झारखंड में मचा सियासी बवाल,खतरे में पड़ी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कुर्सी

(शशि कोन्हेर): चुनाव आयोग ने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को नोटिस भेजकर यह बताने के लिए कहा कि उनके पक्ष में खदान का पट्टा जारी करने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए। जो प्रथम दृष्टया लोक जनप्रतिनिधित्‍व अधिनियम की धारा 9ए का उल्लंघन करती है। धारा 9ए सरकारी अनुबंधों के लिए किसी सदन से अयोग्यता से संबंधित है। बहरहाल, चुनाव आयोग का नोटिस मिलने के बाद झारखंड में सियासी भूचाल आ गया है।

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संभव है कि इस मामले में चुनाव आयोग हेमंत सोरेन को अयोग्‍य ठहरा सकती है। जिसके आधार पर उनकी विधानसभा की सदस्‍यता छीन जाएगी। इससे हेमंत सोरेन को मुख्‍यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ सकती है। यह मामला पूर्व मुख्‍यमंत्री रघुवर दास ने उठाया है। रघुवर ने राज्‍यपाल रमेश बैस को सीएम हेमंत द्वारा अपने नाम पर खदान लीज लेने का आरोप लगाते हुए दस्‍तावेज उपलब्‍ध कराए थे।

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गवर्नर ने पूरे मामले की जांच के लिए चुनाव आयोग को दस्‍तावेज भेजा है। भारत निर्वाचन आयोग ने दस्‍तावेज की सत्‍यता प्रमाणित करने लिए राज्‍य के मुख्‍य सचिव से रिपोर्ट मांगी थी। अब इस पूरे मामले में संभावित कार्रवाई की घड़ी नजदीक आती दिख रही है।

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इससे पहले बीते दिन राज्‍यपाल रमेश बैस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर झारखंड के मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ लाभ के दोहरे पद के मामले में कार्रवाई के पर्याप्‍त आधार होने की जानकारी दी थी। हाला‍ंकि, राजभवन को अबतक इस मामले में चुनाव आयोग का मंतव्‍य नहीं मिला है। हालांकि, राज्‍यपाल की ओर से इस मामले में कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए गए हैं।

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बहरहाल, झारखंड के मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन पर कानून सम्‍मत कार्रवाई के लिए भारत निर्वाचन आयोग की ओर से उन्हें नोटिस भेजा जा चुका है। और जानकारों का मानना है कि इस मामले में चुनाव आयोग उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द करने की कार्रवाई कर सकता है।

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