छत्तीसगढ़

विदेश में छत्तीसगढ़ी संस्कृति की गूंज, छत्तीसगढिय़ों ने लंदन में हाय.. डारा लोर गेहे रे की धुन पर किया नृत्य

Advertisement

   
(शशि कोन्हेर).: रायपुर। छत्तीसगढिय़ा सबले बढिय़ा.. यूं ही नहीं कहा जाता। छत्तीसगढ़ और यहां के रीति-रिवाज की धमक अब विदेशों में भी देखने को मिल रही है। जी हां, लंदन की धरती पर भारतीय स्वतंत्रता की वर्षगांठ बड़े ही धूमधाम से मनाई गई। हाय..डारा लोर गेहे रे.. के साथ लाली परसा बन म फुले और मउंहा झरे रे.. जैसे ख्यातनाम छत्तीसगढ़ी गीतों पर यहां के लोगों ने छत्तीसगढ़ मूल के रहवासियों के साथ नृत्य किया।

Advertisement
Advertisement

भारतीय स्वतंत्रता की याद में आयोजित विदेशी धरती के समारोह में तिरंगा फहराने छत्तीसगढिय़ों ने एक-दूसरे को बधाई दी, मिठाईयां बांटी। समारोह में छत्तीसगढ़ी संस्कृति और समृद्धि का बेजोड़ प्रस्तुतिकरण किया गया। लंदन में आयोजित इस समारोह के आयोजन में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का अद्धितीय योगदान रहा, आयोजकों ने मुख्यमंत्री के सहृदयता के लिए आभार संदेश भेजा है।

Advertisement

कार्यक्रम में महिलाएं पारम्परिक वेशभूषा में संस्कृति को सहेजने की सन्देश पूरी दुनिया को दे रही है। गले में कटली मोहर, कान में खुटी, हाथ और भुजा में नागमोरी बहुटा पहुची और कलाई में आईठी चुरिया, माथे पर बिंदी लगाकर छत्तीसगढ़ महतारी के प्रति अपनी अपार श्रद्धा व प्रेम व्यक्त करती दिखाई दीं। इस दौरान छत्तीसगढ़ी लोकगीत हाय डारा लोर गे हे रे..मउंहा झरे रे मउंहा झरे रे जैसे गानों को सुनकर सभी लोक नृत्य करते हुए अपनी सांस्कृतिक परंपरा के संवाहक बने थे।

Advertisement


कार्यक्रम की शुरुआत फ्लैग होस्टिंग से हुई। भारतीय उच्चायुक्त श्री विक्रम दोराईस्वामी ने ध्वजारोहण किया और उसके बाद राष्ट्रगान गाया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग आए थे।

भारत के विभिन्न राज्यों जैसे छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, पंजाब, गुजरात, तमिलनाडु से एनआरआई और प्रवासी नागरिकों ने अपने स्टॉल लगाए। छत्तीसगढ़ का स्टॉल सर्वाधिक लोकप्रिय रहा। छत्तीसगढ़ पीपल्स एसोसिएशन ने आगंतुकों को छत्तीसगढ़ के पर्यटक आकर्षणों, यहां के प्राकृतिक संसाधनों और निवेश के अवसरों के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ पर्यटन का वीडियो दिखाया गया। भारत के उच्चायुक्त ने छत्तीसगढ़ स्टाल का दौरा किया और प्राकृतिक सुंदरता से आश्चर्यचकित हुए।

छत्तीसगढ़ी टसर सिल्क साड़ी, सोपा, कोसा साड़ी, बस्तर डोखरा, टेराकोटा शिल्प, लकड़ी और बांस शिल्प, बड़ी, दही वाली मिर्ची जैसी छत्तीसगढ़ी कलाएँ प्रदर्शित की गईं जो बहुत लोकप्रिय रहीं। छत्तीसगढ़ पीपुल्स एसोसिएशन ने आगंतुकों को छत्तीसगढ़ की कॉफी और चाय के बारे में बताया। उन्होंने छत्तीसगढ़ पर्यटन स्थलों के बारे में जानकारी देने वाले पत्रक का भी वितरित किया।


कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए छत्तीसगढ़ पीपुल्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, सीजी टूरिज्म बोर्ड, जनसंपर्क विभाग को उनके प्रोत्साहन और समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया।

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button