अंतरराष्ट्रीय

चीन की वुहान लैब से ही निकला था कोरोना वायरस, FBI ने खोली जिनपिंग की पोल

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(शशि कोन्हेर) : दुनियाभर में कोरोना वायरस की शुरुआत हुए तीन साल से अधिक हो चुके हैं। सबसे पहले यह वायरल चीन के वुहान शहर में फैला, जिसके बाद पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया। इसके चलते लाखों लोगों की जान चली गई।

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इस वायरस के पीछे हाथ चीन का ही माना जाता रहा है। अब एफबबीआई के डायरेक्टर ने भी साफ कर दिया है कि यह वायरस चीन की वुहान लैब से ही निकला था। एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर रे ने कहा है कि ब्यूरो का मानना है कि कोविड-19 के पैदा होने की सबसे अधिक संभावना है कि वह चीनी सरकार-नियंत्रित लैब में हुआ।

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“एफबीआई ने काफी समय से यह आकलन किया है कि यह महामारी की उत्पत्ति एक संभावित लैब से हुई।” यह एफबीआई की पहली सार्वजनिक पुष्टि है कि महामारी का वायरस कैसे पैदा हुआ। हालांकि, चीन पहले से ही इस तरह के आरोपों को मानहानिकारक बताता रहा है और वुहान की लैब से निकलने से इनकार किया है। मंगलवार को अपने इंटरव्यू में रे ने बताया कि चीन वैश्विक महामारी के सोर्स की पहचान करने के प्रयासों को विफल करने और बाधित करने की पूरी कोशिश कर रहा है।

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उन्होंने कहा, “और यह सभी के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।” कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि वायरस चीन के वुहान में पहले जानवरों में फैला और फिर वहां से वह इंसानों में पहुंचा।

माना जा रहा है कि वुहान की सीफूड और वाइल्डलाइफ मार्केट में बिकने वाले जानवरों के जरिए यह इंसानों में गया था। यह मार्केट दुनिया की अग्रणी वायरस लैब, वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से 40 मिनट की ड्राइव पर स्थित है। इसमें कोरोनावायरस पर रिसर्च की गई थी।

वहीं, अन्य अमेरिकी सरकारी एजेंसियों ने अपने निष्कर्षों में एफबीआई के अलग-अलग निष्कर्ष निकाले हैं। चीनी सरकार ने अभी तक रे की टिप्पणियों का जवाब नहीं दिया है। हालांकि, सोमवार को चीन ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया था कि अमेरिकी ऊर्जा विभाग ने कम आत्मविश्वास के साथ आकलन किया है कि कोविड एक लैब से लीक हुआ।

एजेंसी ने पहले कहा था कि यह तय नहीं है कि वायरस कैसे शुरू हुआ। बीजिंग ने साल 2021 विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की जांच का भी हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि लैब से वायरस के निकलने की संभावना काफी कम है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, “कुछ पार्टियों को ‘लैब लीक’ नैरेटिव को फिर से दोहराना बंद करना चाहिए। चीन को बदनाम करना बंद करना चाहिए और इसका राजनीतिकरण होना भी बंद होना चाहिए।”

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