रायपुर

सीएम भूपेश बघेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये, सरगुजा में मेडिकल कॉलेज का किया लोकार्पण…..

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(शशि कोन्हेर) : सरगुजा जिले में नवनिर्मित मेडिकल कॉलेज भवन का लोकार्पण वर्चुअल माध्यम से सम्पन्न हुआ. बता दें कि मेडिकल कॉलेज भवन के लोकार्पण के लिए प्रदेश के सीएम भूपेश बघेल व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव सहित प्रभारी मंत्री शिवकुमार डहरिया को शामिल होना था, लेकिन मौसम की खराबी की वजह से मेडिकल कॉलेज भवन के लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके.

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मुख्यमंत्री निवास से उप मुख्यमंत्री श्री टी. एस. सिंहदेव, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया वर्चुअल रूप से और कार्यक्रम स्थल पर संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत एवँ जनप्रतिनिधि गण भी उपस्थित थे।

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मुख्यमंत्री श्री बघेल ने 374 करोड़ 8 लाख रुपए की लागत से निर्मित राजमाता श्रीमती देवेन्द्र कुमारी सिंह शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय भवन तथा माता राजमोहिनी देवी स्मृति चिकित्सालय के निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया । इन कार्यों में मुख्य रूप से 54.26 करोड़ रुपए की लागत से बने महाविद्यालय भवन, 120.73 करोड़ रुपए की लागत से बने हॉस्पिटल भवन के साथ ऑडिटोरियम, छात्रावास, स्टाफ क्वार्टर, डीन आवास सहित अन्य कार्य शामिल हैं।

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मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज का यह दिन सरगुजा के लोगों के लिए बड़ी उपलब्धियों वाला दिन है। यह मेरे लिए भी यह बहुत खुशी का अवसर है कि आज राजमाता श्रीमती देवेंद्र कुमारी सिंहदेव शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय का लोकार्पण हो रहा है।

इस मेडिकल कॉलेज भवन, चिकित्सालय और आवासीय परिसर की कुल लागत 374 करोड़ रुपए है।

इस मेडिकल कॉलेज की खासियत है कि यहां मेडिकल स्टूडेंट्स के कौशल एवं दक्षता विकास के लिए स्किल्स लैब और बहरेपन के परीक्षण एवं ईलाज की विशेष सुविधा उपलब्ध है।
माता राजमोहिनी देवी स्मृति चिकित्सालय में मेडिसीन, सर्जरी, आर्थोपेडिक्स, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग, शिशुरोग विभाग, निश्चेतना विभाग, नेत्ररोग विभाग सहित तमाम तरह के विभाग हैं।

अस्पताल में और भी अनेक तरह की अत्याधुनिक जांच सुविधाएं उपलब्ध होंगी। नये कॉलेज भवन में 08 विभागों का संचालन होगा, इनमें एनाटॉमी, बायोकेमेस्ट्री, फिजियोलॉजी, कम्यूनिटी मेडिसीन, फोरेंसिक मेडिसीन माइक्रोबायोलॉजी, फार्माकोलॉजी विभाग शामिल हैं।
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की अधोसंरचना का काम पूरा हो जाने से पूरे सरगुजा संभाग को इसका लाभ मिलेगा।

सरगुजा संभाग एक आदिवासी बहुत संभाग है। यह समाज का वह तबका है जो सदियों से मूलभूत सुविधाओं और अधिकारों से वंचित रहा है।
मुझे इस बात की खुशी है कि हमारे प्रयासों से आज प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में चिकित्सा और शिक्षा की रौशनी पहुंच रही है।

हमने मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना की जब शुरुआत की थी, तब उसका उद्देश्य यही था कि हम दुर्गम से दुर्गम गांवों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचा पाएं। जब हमने मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना और दाई-दीदी क्लीनिक योजना शुरू की, तब हमारा उद्देश्य शहर की स्लम बस्तियों में रहने वाले गरीब लोगों और माताओं-बहनों की चौखट तक चिकित्सा सुविधा पहुंचा पाएं, लेकिन हमारा लक्ष्य इससे भी कहीं ज्यादा बड़ा है।

हम नागरिकों तक केवल सुविधा नहीं पहुंचाना चाहते, बल्कि अत्याधुनिक और गुणवत्तापूर्ण सुविधाओं की पहुंच भी सुनिश्चित करना चाहते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हम चिकित्सा और शिक्षा की इतनी मजबूत अधोसंरचना का निर्माण करें कि छत्तीसगढ़ की पहचान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हो।

हमारे कार्यकाल में राज्य में 8 नये शासकीय मेडिकल कॉलेज खोलने की दिशा में कदम उठाए गए हैं। इनमें से 04 खोले जा चुके हैं, 04 और प्रक्रिया में है।
हमने विकासखंड से लेकर जिला मुख्यालय तक अपने सभी सरकारी अस्पतालों को सुविधाओं से लैस किया है। डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की कमी को दूर करते हुए उनकी तैनाती की है।

जब देश में कोरोना संकट आया, तब पूरे देश ने छत्तीसगढ़ की क्षमता और सरकार की इच्छाशक्ति को देखा। उस संकट की घड़ी में हम अपने अस्पतालों को मजबूत करने में जुटे हुए थे।

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