बिलासपुर

केयर एंड क्योर : आयुष्मान नहीं, नगद में गायनिक का इलाज, नार्मल डिलीवरी का चार्ज 35 हजार….

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बिलासपुर। आयुष्मान योजना से टाइअप होने के बाद भी केयर एंड क्योर अस्पताल प्रबंधन स्वास्थ्य विभाग के सर्कुलर को ठेंगा दिखा रहा है। अस्पताल पहुंचने वाली गायनिक से संबंधित मरीजों को दो टूक शब्दों में कहा जा रहा है कि यहां क्या, किसी भी प्राइवेट अस्पताल में आयुष्मान योजना से इस मर्ज का इलाज नहीं होगा। गायनिक का इलाज सिर्फ नकद देने पर ही होगा। नार्मल डिलीवरी का चार्ज कम से कम 35 हजार रुपए है। जबकि स्वास्थ्य विभाग की मानें तो हर उस प्राइवेट अस्पताल में गायनिक का इलाज आयुष्मान योजना से होगा, जिनका स्वास्थ्य विभाग से टाइअप है। इसमें केयर एंड क्योर भी शामिल है। मरीजों को इस तरह से बरगलाकर पैसे वसूलना गलत है। बता दें कि एक माच्र को जिला स्वास्थ्य विभाग ने एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें दावा किया गया है कि जिले के 73 अस्पतालों में आयुष्मान के तहत मरीजों का मुफ्त इलाज फिर से किया जाएगा। इसमें अस्पतालों के नाम भी शामिल थ्ो। किस-किस अस्पताल में किन-किन बीमारियों का इलाज होगा, उसी सूची भी जारी की गई थी। स्वास्थ्य विभाग के आदेश का कितना अमल हो रहा है, इस बात की हकीकत जानने के लिए ‘लोकस्वर’ की टीम ने शनिवार को प्रताप चौक स्थित केयर एंड क्योर अस्पताल का जायजा लिया, तो वहां चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। गायनिक से पीड़ित मरीजों ने दो टूक शब्दों में कहा कि यहां तो प्रबंधन कहता है कि किसी भी प्राइवेट अस्पताल में आयुष्मान कार्ड से इलाज की सुविधा उपलब्ध नहीं है।

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हैसियत देखकर मरीजों से वसूली
केयर एंड क्योर अस्पताल में पहंुचे मरीजों और परिजनों ने प्रबंधन पर अनाप-शनाप बिल वसूलने का आरोप लगाया।
एक ग्रामीण दंपती ने बताया कि गर्भवती होने से उन्हें जांच कराने आना होता है, जिसमें हर बार 5 से 6 हजार की दवाइयां लिखी जाती हैं, जिसे वहीं से खरीदना होता है। वहां रोज-रोज आने पर ओपीडी चार्ज नहीं लगने की बात कही जाती है, जबकि सप्ताह में आने पर फिर से ओपीडी चार्ज देना पड़ता है। एक मरीज के परिजन ने बताया कि यहां भर्ती होने पर पहले हैसियत पूछी जाती है। यानी कि परिजन क्या करते हैं। कितनी संपत्ति है। घर का गुजारा कैसे चलता है। इसके बाद हैसियत के आधार पर संबंधित मरीज को बिल थमाया जाता है।

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अन्य निजी अस्पताल में चार्ज 12 से 15 हजार
केयर एंड क्योर हास्पिटल स्टॉफ के अनुसार नार्मल डिलीवरी के लिए 3० से 35 हजार का पैकेज है, जबकि केस कंप्लीकेटेड होने पर बिल कि तना बनेगा, यह कहा नहीं जा सकता, क्योंकि यह परिस्थितियों पर निर्भर है। नार्मल डिलीवरी पर अगर दूसरे निजी अस्पताल की बात करें तो वहां 12 से 15 हजार का चार्ज लगने की बात कही जा रही है।

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डॉ. वर्मा बोले- सरकार से पूछिए, क्यों बंद है आयुष्मान से इलाज
इस मामले में केयर एंड क्योर अस्पताल के संचालक डॉ. सिद्धार्थ वर्मा ने सीधे तौर पर कह दिया कि यह सुविधा सरकार ने ही बंद की है। आप उन्हीं से पूछिए, हमें ऐसी कोई जानकारी नहीं है।

सीएमएचओ ने कहा- गर्भाशय निकालने पर है बैन
सीएमएचओ डॉ. अनिल श्रीवास्तव ने बताया कि पंजीकृत सभी अस्पतालों को बता दिया गया है कि आयुष्मान से इलाज कर सकते हैं। गर्भाशय निकालने को छोड़कर डिलीवरी और गायनिक संबंधित अन्य बीमारियों का इलाज भी किसी भी पंजीकृत निजी अस्पताल से कराया जा सकता है। उन्होंने बताया कि दो साल पहले कार्ड का दुरुपयोग कर गर्भाशय निकालने की शिकायत मिलने पर सरकार ने इसे बंद कर दिया था, लेकिन गायनिक संबंधित अन्य इलाज को करना होगा।

डॉ. अनिल श्रीवास्तव, सीएमएचओ ने कहा –
आयुष्मान योजना के तहत टाइअप वाले प्राइवेट अस्पतालों में भी गायनिक का इलाज किया जाना है। यदि केयर एंड क्योर में गायनिक का इलाज नहीं किया जा रहा है, तो ये गलत है। आयुष्मान प्रभारियों को भेजकर इस मामले की जांच कराई जाएगी। गलती मिलने पर कार्रवाई होगी।

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