बिलासपुर

EXCLUSIVE : रेत के धंधेबाजों ने खनिज और राजस्व विभाग से मिलकर घुटकू गांव का रकबा 4500 एकड़ से बढ़ाकर 6000 एकड़ कर दिया गया…सबै भूमि रेत के सौदागरों की

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(शशि कोन्हेर के साथ भूपेंद्र सिंह राठौर) : बिलासपुर – यह बात लगभग साफ हो चुकी है कि बिलासपुर का जिला प्रशासन और पुलिस तथा खनिज विभाग जिला मुख्यालय से कुछ दूरी पर ही चल रहे रेत के अवैध कारोबार को या तो रोकना नहीं चाहते या इनके आगे घुटने टेक दिए हैं। बीते दो-तीन सालों से कोनी लोफंदी, निरतू, घुट्कु कछार लोखड़ी और तुरकाडीह में चल रही रेत की अंधाधुंध अवैध खुदाई रुकने का नाम नहीं ले रही है। यहां तक की मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के सख्त आदेश का भी इस इलाके में कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है। उनके द्वारा सख्ती बरतने के आदेश के बाद भी अवैध रेत खुदाई और परिवहन उसी तरह धड़ल्ले से चल रहा है जैसा पहले चला करता था। ऐसा कहा जा रहा है कि रेत के सौदागरों ने अपनी लालसा के चलते घुट्कु गांव का रकबा डेढ़ से डेढ गुना बढ़ा दिया है। रेत के सौदागरों को नियमानुसार केवल घुटकू गांव की सीमा के भीतर ही अरपा नदी में रेत की खुदाई करनी थी। लेकिन इसकी परवाह न करते हुए इस धंधे में लगे ठेकेदार के कारिंदे घुट्कु से आगे लोफंदी कछार निरतू, तुरकाडीह, और लोखंडी गांव तक जाकर रेत की अवैध खुदाई और बिक्री कर रहे हैं।

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बिलासपुर के पास सेंदरी के निर्माणाधीन नये पुल के ठीक नीचे लगा ट्रैक्टरों का जमावड़ा…यहां भी यह कह कर जबरिया अवैध खुदाई की जा रही है कि यह जगह भी घूटकू की सीमा में आती है।

आज ठेकेदार के कारिंदे कछार के साथ ही सेंदरी और निरतु ताकि जाकर अवैध रूप से अरपा नदी में रेत की खुदाई कर रहे हैं। देखे (सेंन्दरी के निर्माणाधीन नए पुल के पास नदी के भीतर लगा ट्रैक्टरों का जमावड़ा) जबकि इन गांवों की सीमा घूटकू से काफी दूर है। इसके बावजूद रेत के सौदागर सेंदरी कछार‌ लोफंदी और निरतू गांव की सीमा के भीतर जाकर उसे भी घूटके का बताकर रेत की अवैध खुदाई कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि रेत के सौदागरों ने अपने फायदे के लिए राजस्व और खनिज विभाग के साथ मिलकर घूटकू गांव का रकबा 4500 एकड़ से बढ़ाकर 6000 एकड़ कर दिया है। और इसी कारण खनिज विभाग की मिलीभगत कर वे दूसरे गांव के भीतर तक जाकर रेत की अवैध खुदाई कर रहे हैं। आश्चर्य की बात यह है कि बिलासपुर में यह सारा धतकरम मुख्यमंत्री द्वारा रेत की अवैध खुदाई के खिलाफ दिए गए सख्त आदेश के बाद भी निरंतर अनवरत और धड़ल्ले से जारी है।

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