महासमुंद

3 शिक्षकों ने तार तार की गुरु-शिष्य की मर्यादा..छात्राओं के साथ गंदी हरकतें और बातें करने का आरोप..अब पहुँचे सलाखों के पीछे

(शशि कोन्हेर) : महासमुंद-छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में गुरु-शिष्य मर्यादा को कलंकित करने का मामला सामने आया है। बागबाहरा ब्लाक के सरकारी स्कूल में शिक्षक स्कूली छात्राओं से गंदी हरकत करते हैं। इतना ही नहीं शिक्षक छात्राओं से मासिक धर्म के बारे में पूछते हैं। अंग वस्त्र के बारे में पूछते हैं। पोर्न वीडियो दिखाते हैं। यहां तक कि मालिश कराते हैं।

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जब छात्राओं ने शिक्षकों के इस गंदी करतूत के बारे में स्वजनों को बताया तो वे भड़क गए और तुरंत शिक्षकों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने सोमवार रात पालकों के भारी विरोध, छात्राओं के बयान के बाद एक ही कैंपस में संचालित मिडिल व प्राथमिक स्कूल के तीन शिक्षकों के विरुद्ध लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम, अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम व सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

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पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तीनों शिक्षकों के खिलाफ 354, 294, 34 भादवी, 67 आईटी एक्ट, पाक्सो एक्ट धारा 8,10 के तहत अपराध दर्ज कर तीनों को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही कार्रवाई करते हुए आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने इस मामले में अनुसूचित जनजाति अधिनियम 1989 की धारा 3 (2) (वी ए) के तहत भी मामला दर्ज किया है।

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कोमाखान थानांतर्गत चौकी में यह मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने रात में ही तीनों शिक्षकों को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, अब तक स्कूल में वैकल्पिक शिक्षकों की व्यवस्था नहीं की गई है। तीन शिक्षकों की गिरफ्तारी के बाद प्राथमिक शाला में दो, मिडिल स्कूल शिक्षक विहीन हो गया है। मिडिल में कुल तीन शिक्षक थे। महिला शिक्षक मातृत्व अवकाश पर हैं। दो शिक्षक गिरफ्तार हुए हैं, जिससे मिडिल में शिक्षक नहीं हैं।

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इधर, इस घटना से शिक्षा विभाग की छवि धूमिल हुई है। छात्राओं ने बताया कि 24 से 27 फरवरी तक हुई घटना बर्दाश्त से बाहर हो गई तब स्वजनों को खबर दी गई। बाद मामला पुलिस के संज्ञान में आया। पालकों ने बताया कि यह जंगल क्षेत्र है। शिक्षक ऐसे गांवों में आना पसंद नहीं करते, जो शिक्षक आये हैं और बच्चों को पढ़ा रहे हैं वे उन्हें देवदूत की तरह पलकों पर बिछाए रखे थे। लेकिन चार माह पहले इस तरह का मामला सामने आया था। तब पालक शिक्षकों की करतूतों को सामने ले आए, लेकिन मामला खत्म कर दिया।

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