बिलासपुर

रेलवे अस्पताल की सड़क को आखिर क्यों नहीं खोल रहा है रेल प्रबंधन….?

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(भूपेंद्र सिंह राठौर) : बिलासपुर – कोरोना संक्रमण के प्रथम चरण की शुरुआत के बाद से बंद की गई रेलवे केंद्रीय अस्पताल की सडक को कोविड का प्रकोप खत्म होने के बावजूद रेलवे द्वारा तानाशाही पूर्वक हमेशा के लिए ही बंद करने का फैसला ले लिया हैं। ऐसा इसलिए करना पड़ा था क्योंकि कोरोना का प्रकोप कम होने के बाद से रेलवे के अधिकारी अब इस अस्पताल वाली सड़क बंद ही रखने के मूड में है। ऐसा करने के लिए भी कॉलोनी की सुरक्षा का बहाना बना रहे हैं। हालांकि ऐसा रेलवे ने इसलिए किया गया था कि उस समय इस अस्पताल को कोविड अस्पताल बना दिया था। ऐसा कोविड-19 के संक्रमण से लोगों को बचाने के नाम पर किया गया था।पर अब स्थिति सामान्य है। इसके बावजूद इसे जानबूझकर नहीं खोला जा रहा है।

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संक्रमितों को इलाज मिल सके, इसलिए जिला प्रशासन ने रेलवे के केंद्रीय अस्पताल को भी कोविड अस्पताल में तब्दील कर दिया था। कोविड अस्पताल बनते ही एक तरफ को इसलिए बंद कर दिया गया, क्योंकि इस हिस्से में महाप्रबंधक से लेकर अन्य अफसरों के बंगले हैं। रास्ता खुला रहता है तो रेलकर्मी व आम लोगों की आवाजाही रहती है। इसके चलते संक्रमण फैलने का खतरा था। लोग उस समय की स्थिति को समझते हुए मार्ग बदलकर आवाजाही कर रहे थे। बाद में जैसे ही पहली लहर के बाद स्थिति सामान्य हुई तो लोगों को लगा कि मार्ग खुल जाएगा। पर रेलवे ने इसे नही खोला।इसी बीच दूसरी लहर ने तबाही मचाई। इसे देखते हुए मार्ग बंद रखना उचित भी था। पर अब संक्रमण का वैसा खतरा नहीं है। रेलवे का यह और मार्ग खोलने में कोई दिक्कत नहीं है। इसके बाद भी रेलवे ने इसे नहीं खोल रही है। यह साथ लंबे समय से बंद होने के कारण आम लोगों के अलावा रेलकर्मी और सबसे ज्यादा बीमार लोगों को परेशानी होती है। यहां रेलवे के ही कर्मचारी व उनके स्वजन इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं। रास्ता बंद होने के चलते जोन व रेल मंडल कार्यालय जाने वाले रेलकर्मियों के अलावा मरीजों को भी अस्पताल आने के लिए घूमकर आना पड़ रहा है। इतनी परेशानी होने के बाद रेल प्रशासन इसलिए मार्ग को नहीं खोल रहा है, क्योंकि वहां रेल अफसरों के बंगले हैं। लोगों की आवाजाही से अधिकारियों को परेशानी होगी। जबकि ऐसा नहीं है। इसके बावजूद रेलवे प्रबंधन ने जिस तरह इस मार्ग को जबरिया बंद कर रखा है उससे उससे रेल का गेम और आम नागरिकों में खासी नाराजगी देखने को मिल रही है।

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