देश

नए संसद भवन की क्या जरूरत, बेकार है वहां जाना, उद्घाटन से पहले बोले नीतीश कुमार…..

(शशि कोन्हेर) : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे, जिसे लेकर जमकर सियासत हो रही है. कांग्रेस सहित विपक्ष के 21 दलों ने उद्घाटन समारोह का बॉयकॉट करने का फैसला किया है. विपक्षी दलों का कहना है कि देश की संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों होना चाहिए. अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अलग ही बयान देते हुए कहा कि नया संसद भवन नहीं बनना चाहिए था. उन्होंने कहा कि सरकार पुराना इतिहास बदलना चाहती है.

Advertisement


मीडिया से बात करते हुए नीतीश कुमार ने कहा, ‘शुरू में भी बात हो रहा था कि ये (संसद भवन) बन रहा है, तो भी हमको अच्छा नहीं लग रहा था. ये तो इतिहास है, आजादी हुई तो जिस चीज की जहां पर शुरूआत हो गई, उसे वहीं पर विकसित कर देना चाहिए.अलग से बनाने का कोई मतलब नहीं है. क्या पुराना इतिहास ही बदल दीजिएगा? हमको अच्छा नहीं लग रहा है कि ये नया संसद भवन बना रहे हैं. पुराना इतिहास बदलना चाहते हैं बस. नया संसद भवन नहीं बनाना चाहिए था. जो पुराना संसद भवन था उसी को सही करना चाहिए था. मैं तो इसके खिलाफ हूं. ये लोग सब इतिहास बदलना चाह रहे हैं. बेकार है वहां जाना. कोई मतलब नहीं है वहां जाने का. क्या जरूरत है वहां जाने की और उस भवन को बनाने की.’

Advertisement
Advertisement

उद्घाटन समारोह का विपक्षी दलों द्वारा विरोध किए जाने पर नीतीश ने कहा, ‘खैर और पार्टियां कह रही हैं कि वो राष्ट्रपति को नहीं बुलाने की वजह से नहीं जा रही है.वो जो भी कारण हैं, लेकिन हमको लगता कि इसकी क्या जरूरत थी अलग से बनाने की. तो बिल्डिंग थी उसी को ठीक करते, जो इतिहास है उसे भुला देंगे क्या? आप जान लीजिए कि जो आजकल शासन में हैं वो सारे इतिहास को बदल देंगे. आजादी की लड़ाई के इतिहास को बदल देंगे.जो पहले पीएम थे नेहरू जी, उनकी मौत के समय हम स्कूल में पढ़ रहे थे…हम मानते हैं कि देश का जो इतिहास है वो बहुत आवश्यक है… नया बनाने की क्या जरूरत थी..इन लोगों को तो पूरा इतिहास बदलना है, इसलिए बदल रहे हैं.’

Advertisement

Advertisement
Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button