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टिकट कटने के बाद पीलीभीत के नाम वरुण गांधी का संदेश….

भाजपा सांसद वरुण गांधी ने पीलीभीत के नाम एक खुला पत्र लिखकर अपनी भावनाएं जाहिर कीं। पीलीभीत से लोकसभा चुनाव 2024 के लिए टिकट कटने पर उन्होंने अपने मन की बात एक पत्र में लिखकर सोशल मीडिया वेबसाइट एक्स पर साझा कीं। उन्होंने पत्र में तीन साल के बच्चे को याद करने की बात कही जो पहली बार मां के साथ पीलीभीत आया था। उन्होंने कहा कि ये मेरी कर्मभूमि है और मैं हमेशा आपके साथ रहूंगा। दरअसल, भाजपा की पांचवीं प्रत्याशी लिस्ट में वरुण गांधी का नाम नहीं था। उन्हें पीलीभीत से टिकट नहीं दिया गया। उनकी जगह जितिन प्रसाद को शामिल किया गया है।

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उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि आज जब मैं यह पत्र लिख रहा हूं, तो अनगिनत यादों ने मुझे भावुक कर दिया है। मुझे वो 3 साल का छोटा सा बच्चा याद आ रहा है जो अपनी मां की उँगली पकड़ कर 1983 में पहली बार पीलीभीत आया था, उसे कहां पता था एक दिन यह धरती उसकी कर्मभूमि और यहां के लोग उसका परिवार बन जाएंगे।

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मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मुझे वर्षों पीलीभीत की महान जनता की सेवा करने का मौका मिला। महज एक सांसद के तौर पर ही नहीं, बल्कि एक व्यक्ति के तौर पर भी मेरी परवरिश और मेरे विकास में पीलीभीत से मिले आदर्श, सरलता और सहृदयता का बहुत बड़ा योगदान है। आपका प्रतिनिधि होना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान रहा है और मैंने हमेशा अपनी पूरी क्षमता से आपके हितों के लिए आवाज उठाई।

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उत्तर प्रदेश की पीलीभीत सीट पर वरुण गांधी ने दो बार जीत हासिल की। इस सीट पर 35 साल से मेनका गांधी या वरुण गांधी ही जीतते आ रहे थे। 35 साल में पहली बार गांधी परिवार से अलग इस सीट पर कोई प्रत्याशी है। इस सीट पर लोकसभा चुनाव 2024 के वोट 19 अप्रैल को डाले जाएंगे। पहले चरण में मतदान होना है। इस सीट के लिए नामांकन दाखिल प्रक्रिया 27 मार्च को बंद हो गई।


बीजेपी ने इस बार वरुण गांधी को टिकट नहीं दिया। हालांकि उनकी मां मेनका गांधी को सुल्तानपुर लोकसभा सीट से प्रत्याशी चुना गया है। सुल्तानपुर में छठे चरण में 25 मई को मतदान होना है। भाजपा ने शुरू में संकेत दिया था कि वे वरुण गांधी को रायबरेली से मैदान में उतारने पर विचार कर सकते हैं। हालांकि, वरुण गांधी उस सीट से चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं थे। वरुण गांधी के निर्दलीय चुनाव लड़ने की भी अटकलें थीं लेकिन पीलीभीत के नामांकन बंद होने के बाद उनपर भी विराम लग गया।

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