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टिकट कन्फर्म लेकिन ट्रेन में जगह नहीं, दिवाली पर स्टेशनों पर उमड़ी भीड़…..

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दीपावली का त्योहार मनाने के लिए बड़ी संख्या में लोग अपने घरों की तरफ जा रहे हैं। इस बीच अव्यवस्थाओं के लिए रेलवे की जमकर आलोचना भी हो रही है। सोशल मीडिया पर ठसाठस भरी ट्रेनों के वीडियो खूब वायरल हो रहे हैं। इसके अलावा रेलवे के डिब्बों के बाहर बड़ी संख्या में लोग कतार लगाए खड़े नजर आ रहे हैं।

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इस भीड़भाड़ में तमाम लोग बाहर ही रह गए और ट्रेन में सवार नहीं हो पाए। कन्फर्म टिकट हाथ में होने के बावजूद यह लोग बेबसी से ट्रेन को गुजरते देखते रह गए और घर जा पाने की खुशी से महरूम रह गए।

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लोगों ने बयां की पीड़ा
सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक शख्स से अपना वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में वह दावा कर रहा है कि उसके पास कन्फर्म टिकट था। इसके बावजूद गुजरात के वड़ोदरा स्टेशन पर वह ट्रेन में सवार होने में नाकाम रहा। उसने लिखा कि भारतीय रेल का बेहद खराब मैनेजमेंट। मेरी दीवाली बर्बाद करने के लिए शुक्रिया। इस शख्स के मुताबिक हाथ में थर्ड एसी का कन्फर्म टिकट होने के बावजूद मैं डिब्बे में घुस तक नहीं पाया।

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पुलिस की तरफ से भी कोई मदद नहीं मिली। उन्होंने कहा कि मेरे अलावा कई अन्य लोग भी थे जो बाहर ही रह गए। इस व्यक्ति के मुताबिक ट्रेन में भरे लेबरों ने उसे बाहर फेंक दिया और बोगी अंदर से बंद कर ली। जब मैं पुलिस के पास पहुंचा तो उन लोगों ने मदद से इनकार कर दिया। इतना ही नहीं, वह लोग मेरी हालत पर हंस भी रहे थे।

सोशल मीडिया पर भीड़
वड़ोदरा के डीआरएम ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए रेलवे पुलिस से जरूरी कदम उठाने को कहा है। वहीं, राजधानी दिल्ली में भी रेलवे स्टेशनों पर भारी भीड़ नजर आई। सोशल मीडिया पर तमाम वीडियोज भरे पड़े हैं। इनमें नजर आ रहा है कि तमाम स्टेशन लोगों से पटे पड़े हैं और ट्रेन का इंतजार हो रहा है।

सूरत में बिहार को जाने वाली स्पेशल ट्रेन में सवार होने के लिए लोगों का रेला उमड़ पड़ा। इस दौरान मची भगदड़ में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि दो अन्य घायल हो गए। पुलिस के मुताबिक कई अन्य लोग बेहोश भी हुए हैं। रेलवे स्टेशन पर काफी ज्यादा भीड़ होने के चलते कई लोगों को पैनिक अटैक और चक्कर की समस्या हुई।

1700 स्पेशल ट्रेनें भी नहीं संभाल पाईं भीड़
गौरतलब है कि त्योहार पर भारी भीड़ को देखते हुए रेलवे ने देशभर में 1700 स्पेशल ट्रेनें चलाई थीं। इसमें 26 लाख अतिरिक्त बर्थ का इंतजाम किया गया था। हालांकि जिस तरह से भीड़ उमड़ी थी, उसमें यह सारे इंतजाम नाकाफी साबित हुए। तमाम लोगों को रिजर्वेशन नहीं मिला।

जिन लोगों को रिजर्वेशन मिला, उनमें से कइयों को सीट नहीं मिली। ऐसे में बहुत से लोग अपने घर तक का सफर ही नहीं कर पाए। अपनों के साथ दिवाली मनाने का उनका सपना, सपना ही रह गया। वहीं, दूसरी तरफ जो लोग किसी तरह से ट्रेन में घुस पाए उनके लिए भी यह सफर काफी कष्टदायक ही रहा।

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