बिलासपुर

नगर निगम ने शासन से मांगे थे 150 करोड़ लेकिन शासन ने दिए सिर्फ 50 करोड़…फिर भी, “नहीं मामा से कनवां मामा” अच्छा होता है..!

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(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर। प्रदेश सरकार के द्वारा बिलासपुर नगर निगम को विकास और निर्माण कार्य के लिए दिए गए 50 करोड़ रुपयों को ऊंट के मुंह में जीरा तो नहीं कहा जा सकता.. लेकिन फिर भी नगर निगम को इस चुनावी साल में शहर के वार्डो में कामकाज करने के लिए जितनी राशि की जरूरत थी, यह उसकी एक तिहाई भी नहीं है।

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हालांकि प्रदेश सरकार ने बिलासपुर नगर निगम की गुहार सुनते हुए जो 50 करोड़ों रुपए स्वीकृत किए हैं उसके लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को साधुवाद तो देना ही चाहिए। बिलासपुर नगर निगम में कुल 70 वार्ड हैं। इन सभी वार्डों में सड़क और पानी निकासी समेत अनेक कार्य करने के लिए प्रति वार्ड दो करोड़ रुपए खर्च होने का आंकलन किया गया था। अनुमान था कि प्रति वार्ड दो करोड़ रुपए मिलने पर शहर के सभी वार्डों में आने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए पर्याप्त काम कराये जा सकते हैं। और इसी आकलन के अनुसार प्रदेश शासन को नगर निगम बिलासपुर के द्वारा 150 करोड़ रुपए देने का प्रस्ताव भेजा गया था। वही प्रदेश सरकार के द्वारा मात्र 50 करोड़ रुपए देने की घोषणा से, निगम के पदाधिकारियों को तात्कालिक मन संतोष तो जरूर हो गया होगा। लेकिन, इन 50 करोड़ रुपयों को अगर बिलासपुर शहर के सभी वार्डोंं को बराबर-बराबर भी बांटा जाता है। तो 1 वार्ड में अधिकतम 71लाख रुपए का ही निर्माण या विकास कार्य हो पाएगा।

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वहीं शहर के बहुत से काम ऐसे होते हैं जो वार्डों के भरोसे नहीं छोड़े जा सकते‌। उन्हें नगर निगम को अपने ही स्तर पर करना पड़ता है। अगर ऐसे कार्यों पर खर्च होने वाली संभावित राशि का हिसाब लगाया जाए तो शासन से मिले 50 करोड़ रुपए में से वार्ड वालों को प्रति वार्ड 71 लाख रुपए से भी कम राशि मिल पाएगी। इसलिए कायदे से शासन को बिलासपुर नगर निगम के द्वारा मांगे गए (पूरे के पूरे)150 करोड़ रुपए तत्काल आवंटित किए जाने चाहिए। यह राशि मिलने पर ही बिलासपुर के सभी 70 वार्डों में मोहल्ला स्तर पर भीतर तक भरपूर काम किया जा सकता है। जिसका लाभ नगर निगम में कांग्रेस की सरकार को निश्चित ही मिल सकता है। ‌

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बहरहाल, शासन ने काफी दिनों के बाद प्रदेश के साथ ही बिलासपुर नगर निगम के द्वारा पैसों के लिए की जा रही गुहार पर ध्यान देते हुए जो 50 करोड़ रुपए की राशि दी है। उसे सौ फीसदी सही निर्णय ही कहा जाएगा। और उसके लिए बिलासपुर नगर निगम तथा बिलासपुर की जनता को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को साधुवाद जरूर देना चाहिए। और भले ही या 50 करोड़ की राशि बिलासपुर नगर निगम के सभी 70 वार्डों की जर्जर और नष्ट हो चुकी सड़कों समेत अन्य कार्यों पर लगने वाले खर्च की तुलना में काफी कम है। लेकिन फिर भी बिलासपुर शहर के लोगों को इस 50 करोड़ रुपए की राशि को यह मानकर खुशी-खुशी स्वीकार करना चाहिए कि “नहीं मामा से कनवा मामा” हमेशा अच्छा होता है।

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