निर्दयी माँ ने नवजात बच्चे को झाड़ियों में फेंका, ग्रामीण ने बचाई बच्चे की जान…
कांकेर – कांकेर से एक शर्मनाक खबर आ रही है, जिसमें निर्दयी मां ने नवजात मासूम को झाड़ियों में फेंक दिया था। जब नवजात दुनिया में आकर आंखें खोली तो बेरहम मां उसे जंगल के हवाले कर चुकी थी। मासूम को चींटियां अपना निवाला बना रही थी, मासूम बिलख रही थी, मां के बिना आंचल के लिए तड़प रही थी, फिर बेबसी की किलकारी सुनकर एक शख्स वहां पहुंच गया, जिसने उस मासूम को जीवनदान दिया।
दरअसल, ये पूरा मामला भानुप्रतापपुर क्षेत्र का है, जहां एक कलयुगी मां ने अपने रिश्ते को बदनाम करते हुए अपनी नवजात बच्ची को झाड़ियों में फेंक दिया। मां ने मां के नाम को कलंकित कर दिया अपनी बच्ची को झाड़ियों में इसलिए फेंक दिया कि उसका जीवन समाप्त हो जाए, लेकिन देवदूत बनकर एक ग्रामीण सामने आ ही गया। बच्चे की रोने की आवाज सुनकर ग्रामीण झाड़ियों की तरफ पहुंचा तो देखा कि एक नवजात बच्ची रो रही है, चीटियां उसे बुरी तरह काट रहीं हैं, उसने तत्काल गांव के कोटवार को सूचना दी। कोटवार ने तहसीलदार एवं थाना प्रभारी को सूचना दी, जिस पर तत्काल थाना प्रभारी ने पुलिस को ग्राम डूमरकोट भेजा जहां से बच्ची को अस्पताल लाया गया।
वह मासूम अपनी मां से यह कह भी न सकी कि मुझे अपने सीने से लगा लो इंसानियत को शर्मसार करने वाला यह मामला भानुप्रतापपुर क्षेत्र के डूमरकोट का है जहां एक निर्दयी मां ने अपनी मासूम बच्ची को झाड़ियों में मरने के लिए दिया।
पुलिस ने मामले का FIR दर्ज जांच शुरू की और एक 20 वर्षीय युवती को इस मामले में आरोपी बनाया है, युवती अपनी मौसी के यहां कुछ दिन पहले ही आयी थी। युवती प्रेम प्रसंग के चलते गर्भवती हो गई थी। लोकलाज के भय से उसने दुनिया में मां शब्द को कलंकित कर दिया। इंसानियत को शर्मसार कर दिया और बता दिया कि मानवता भी इस दुनिया में अब बेरहम हो चली है।