छत्तीसगढ़

चैत्र नवरात्र  (रामनवमीं) मनाने शक्ति पीठों में की जा रही विशेष तैयारी

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(मुंन्ना पाण्डेय) : लखनपुर+(सरगुजा) : शक्ति उपासना का पर्व चैत्र नवरात्र (रामनवमीं) मनाये जाने को लेकर शक्ति पीठों में विशेष  तैयारी की जा रही है। आदि शक्ति देवी माता के अलग अलग नौ रूपों  शैलपुत्री ,ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धीदात्री ,की   पूजा अनुष्ठान  किये जाने का सिलसिला शक्ति पीठों में चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा  तिथि से आरंभ हो जायेगा।

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जो नौ दिनों तक अनवरत जारी रहेगा।माता भक्तों द्वारा विधिविधान से देवी माता की पूजा की जायेगी।  साल में  देवी माता की चार मर्तबा पूजा अर्चना भक्तों द्वारा की जाती है।

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मुख्य रूप से शारदीय नवरात्र चैत्र नवरात्र के अलावा माघ एवं आषाढ़ मास में गुप्त नवरात्रि  शामिल हैं  शारदीय एवं चैत्र नवरात्र के अवसर पर देवी माता के पूजा किये जाने की विशेष महिमा होती है। चैत्र नवरात्र में भगवान श्री राम का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है। चंद रोज़ बाद 22 मार्च से चैत्र नवरात्र का शुभारंभ होने जा रहा है। लिहाजा देवी मंदिरों में साफ सफाई रंगरोगन साज सज्जा जैसे इंतजामात किये जा रहे हैं।

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इसी कड़ी में  नगर लखनपुर  के  प्राचीन महामाया मंदिर में साफ़ सफाई रंगरोगन लाईटिंग साज सज्जा को अंतिम रूप दिया जा रहा है। ग्राम जेजगा स्थित  क्षेत्र की प्रचलित लोक देवी  माता रामपुरहीन   शक्ति पीठ के ग्राम
बैगाओ द्वारा चैत्र नवरात्रि मनाये जाने  तैयारी की जा रही है।


गांव कस्बों में  स्थित ग्राम देवगुडी  डीहडिहारीन   के पूजा स्थलों को साफ सुथरा किया जाकर  तैयारी की जा रही है । प्रथानुसार ग्रामीण अंचलों में   माता भक्त  जवारा बोकर नौ दिऩो  तक जगराता करते हैं इस उद्देश्य को लेकर  घरों की लिपाई पोताई करने में जुटे नजर आने लगे हैं। सरगुजा जिले के ब्लाक उदयपुर अन्तर्गत चैत्र नवरात्र के अवसर पर रामगढ़ गिरि में लगने वाली  रामगढ़ मेले की भी तैयारी की जा रही है। 


जहां  हर साल चैत्र नवरात्री  के मौके पर मेला लगता है  इस मेला को देखने दूसरे प्रांतों से भी पर्यटक आते हैं। जहां चैत्र नवरात्र के मौके पर देवी दरबारो  में  मातारानी की पूजा अनुष्ठान की जाती है वहीं भगवान श्री राम का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है।


रामनवमीं मनाये जाने को लेकर अनेक पौराणिक मान्यताएं जुड़ी हुई है। कहा जाता है भगवान श्री राम का जन्म चैत्र मास के शुक्ल नौवीं तिथि को हुआ था। रावण को मारने भगवान श्री राम ने नौ देवीयो के पूजा अर्चना किये थे जिससे भगवान श्री राम को देवी माताओं से विजयी होने का वरदान प्राप्त हुआ था।


इस तरह से  चैत्र नवरात्रि मनाये जाने को लेकर अनेकों धार्मिक पहलूऐ  जुड़ी हुई है।
बहरहाल चैत्र नवरात्री मनाए जाने तैयारी देवी मंदिरों में की जा रही है।

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