सोनिया गांधी ने कांग्रेस नेताओं को निजी महत्वाकांक्षाएं छोड़, अनुशासन और एकता पर ध्यान देने की नसीहत दी
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के महासचिवों और प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के अध्यक्षों को मीटिंग में नसीहत दी। सोनिया गांधी ने नेताओं में नीतिगत मुद्दों पर ‘सामंजस्य की कमी’ को लेकर चेतावनी दी, साथ ही उन्होंने पार्टी के भीतर अनुशासन और एकता की जरूरत पर जोर दिया। वहीं नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि पार्टी देश के हर मुद्दे पर अपना बयान देती है, लेकिन उसकी जानकारी छोटे से छोटे जमीनी कार्यकर्ता के पास नहीं पहुंची है। इसी के साथ उन्होंने बीजेपी-आरएसएस पर भी निशाना साधा।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को कहा कि नीतिगत मुद्दों पर पार्टी के राज्य स्तर के नेताओं के बीच ‘स्पष्टता और एकजुटता की कमी’ है क्योंकि उन्होंने वंचित वर्गों के लिए लड़ने के प्रयासों को दोगुना करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। सोनिया गांधी ने कांग्रेस महासचिवों, सचिवों, प्रभारी और पीसीसी चीफ को संबोधित करते हुए कहा कि इस वादे (वंचित वर्गों के लिए लड़ने के) को वास्तव में सार्थक बनाने के लिए हमें अपने संगठन को समाज के इस क्रॉस सेक्शन का अधिक प्रतिनिधि बनाना होगा।
सोनिया गांधी ने पार्टी के भीतर अनुशासन और एकता की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि संगठन को मजबूत करना और व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को खत्म करना चाहिए। सोनिया गांधी ने अगले साल पांच राज्यों में चुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता इसके लिए कमर कस रहे हैं। हमारा अभियान समाज के सभी वर्गों के साथ व्यापक चर्चा से निकली ठोस नीतियों और कार्यक्रमों पर आधारित होना चाहिए।
मीटिंग में उन्होंने कहा कि पार्टी को सत्तारूढ़ बीजेपी और उसके वैचारिक प्रमुख आरएसएस को लेकर भी रणनीति बनाई। सोनिया ने कहा कि हमें वैचारिक रूप से बीजेपी/आरएसएस के द्वेषपूर्ण अभियान से लड़ाई लड़नी होगी। इसी के साथ इस लड़ाई को जीतने के लिए तो हमें दृढ़ विश्वास के साथ लोगों के सामने जाकर उनके झूठ का पर्दाफाश करना चाहिए। आपको बता दें कि पार्टी के अगले अध्यक्ष के चुनाव के लिए आंतरिक चुनाव अगले साल 21 अगस्त से 30 सितंबर के बीच होने हैं।