कितने में पड़ेगी बच्चों की वैक्सीन और क्या है नया वेरिएंट..?
नई दिल्ली – केंद्र सरकार के प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के बारे में मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने प्रेस कान्फ्रेंस कर कई बातों को देश के सामने रखा। इसी के साथ उन्होंने कोरोना वैरिएंट के साथ-साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से कोवैक्सीन को मंजूरी सहित बच्चों की वैक्सीन को लेकर मीडिया को जानकारी दी।
डब्ल्यूएचओ द्वारा कोवैक्सीन की मंजूरी पर स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया किडब्ल्यूएचओ की एक प्रणाली है, जिसमें एक तकनीकी समिति होती है, जिसने इसे (कोवैक्सीन) मंजूरी दे दी है, जबकि दूसरी समिति की आज बैठक हो रही है। कोवैक्सीन की मंजूरी आज की बैठक के आधार पर दी जाएगी। वहीं कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर उन्होंने कहा कि एक टीम नए COVID-19 वेरिएंट AY.4.2 की जांच कर रही है। ICMR और NCDC की टीमें अलग-अलग वैरिएंट का अध्ययन और विश्लेषण करती हैं। इसी के साथ बताया कि बच्चों के टीके ZyCoV-D की कीमत पर चर्चा चल रही है।
वहीं प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इस मिशन पर 5 साल में 64,000 करोड़ खर्च किए जाएंगे। इसमें लक्ष्य है कि ब्लॉक, जिला, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर अच्छी लेबोरेटरी हो। इस योजना में अगले 5 साल में एक जिले में औसतन 90-100 करोड़ का खर्च किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ये अगले दिनों में देश को आने वाली किसी भी महामारी से लड़ने में सक्षम बनाएगा। उन्होंने कहा कि पीएम ने 157 नए मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी के साथ मेडिकल छात्रों के लिए सीटें लगभग दोगुनी हो साथ ही लोगों को किफायती इलाज सुनिश्चित करने के लिए समग्र दृष्टिकोण के साथ काम किया है।
वहीं आगे जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जिला स्तर पर 134 तरह के टेस्ट हो जाएंगे। देश में दो कंटेनर ट्रेन तैयार रखी जाएंगी, कंटेनर में अस्पताल की सारी सुविधा तैयार होगी। इसका एक केंद्र चेन्नई और एक दिल्ली में होगा। कैंसर, शुगर जैसी बीमारियों के इलाज के लिए और प्राथमिक स्तर पर जांच के लिए हमने 1,50,000 स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र स्थापित करने का फैसला लिया है। देश में लगभग 79,000 से ऊपर केंद्रों का उद्घाटन किया गया है।