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सुरक्षा परिषद में भारत को मिले स्थायी सदस्यता” रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने खुलकर किया समर्थन…….

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए खुलकर अपना समर्थन जताया है. राष्ट्रपति पुतिन ने कहा है कि भारत यूएनएसी का स्थायी सदस्य होना चाहिए. साथ ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने लगातार हो रहे भारत के मजबूत आर्थिक विकास की भी सराहना की है.

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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर ने पश्चिमी देशों पर निशाना साधते हुए कहा कि यह हर उस देश को दुश्मन के रूप में पेश कर रहे हैं, जो आंख बंद करके इनके पीछे-पीछे चलने के लिए तैयार नहीं हैं. एक समय पर इन्होंने भारत के साथ भी ऐसा करने की कोशिश की थी. पुतिन ने आगे कहा कि हम सब समझते हैं. एशिया में हालात को हम देख और महसूस कर रहे हैं. सब पूरी तरह साफ है.

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पुतिन ने आगे कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि भारतीय नेतृत्व स्व-निर्देशित है, यानी बिना किसी दबाव और झुकाव के काम कर रही है. भारतीय नेतृत्व राष्ट्रीय हितों को साथ लेकर आगे बढ़ रहा है. इसलिए उनकी ( पश्चिमी देश ) कोशिशों का कोई मतलब नहीं बनता है. लेकिन वो फिर भी कोशिश कर रहे हैं. वो अरब देशों को भी दुश्मन की तरह पेश करने की कोशिश कर रहे हैं.

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मालूम हो कि बीते दिनों रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक कार्यक्रम में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पीएम नरेंद्र मोदी को बुद्धिमान व्यक्ति बताया. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत विकास में काफी अच्छी प्रगति कर रहा है.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सदस्यता दो तरह से होती है. एक है स्थाई और एक अस्थाई. सिर्फ पांच देश ऐसे हैं, जो इस परिषद के स्थायी सदस्य हैं. उन देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस और चीन शामिल है. इसके अलावा यूनएससी में 10 ऐसे देश सदस्य होते हैं, जो हर दो साल में बदल जाते हैं. भारत आठ बार यूएनएसी का अस्थायी सदस्य रह चुका है.

भारत पिछले काफी समय से पक्की सदस्यता के लिए जोर लगा रहा है. भारत को कई देशों का समर्थन भी है. यूएनएससी में स्थायी सदस्य होने का काफी फायदा भी है. एक तरह से कह सकते हैं कि यह देश इस समूह के कर्ता-थर्ता होते हैं. यही देश तय करते हैं कि दो साल की अस्थायी मेंबरशिप के लिए किन देशों को बुलावा भेजा जाना चाहिए और किन्हें जगह नहीं मिलनी चाहिए.

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