पद्म विभूषण बीबी लाल का निधन, आर्कियोलॉजिस्ट जिसने अयोध्या में विवादित ढांचे के नीचे राममंदिर को खोजा
(शशि कोन्हेर) : दिल्ली : पुरातत्व विज्ञानी और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के पूर्व महानिदेशक प्रोफेसर बृजबासी लाल का निधन हो गया. अयोध्या में विवादित ढांचे के नीचे राम मंदिर की खोज उन्होंने ही की थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है. उनके निधन पर विभिन्न इतिहासकारों और पुरातत्ववेत्ताओं ने भी दुख प्रकट किया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करके कहा कि बीबी लाल एक उत्कृष्ट व्यक्तित्व वाले सज्जन व्यक्ति थे. संस्कृति और पुरातत्व क्षेत्र में उनका योगदान अद्वितीय रहा है. उन्हें एक ऐसे महान बुद्धिजीवी के रूप में याद किया जाएगा, जिन्होंने हमारे समृद्ध अतीत के साथ हमें जोड़ा और उस जुड़ाव को गहरा किया. उनके निधन से आहत हूं. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और दोस्तों के साथ हैं. ओम शांति.”
रामजन्मभूमि स्थल की खुदाई करवाने वाले रामजन्मभूमि स्थल की खुदाई करवाने वाले
1970 के दशक के मध्य में बृजबासी लाल ने रामजन्मभूमि स्थल पर खुदाई का नेतृत्व किया था. आज उनका दिल्ली के अस्पताल में निधन हो गया वो 101 वर्ष के थे. उन्हें पिछले साल पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था. बी बी लाल बीते दिनों कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे और पिछले कुछ दिनों से दिल्ली के एक अस्पताल में जीवन रक्षक प्रणाली पर थे.
केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने ट्विटर पर एक शोक संदेश में कहा कि प्रोफेसर बी बी लाल जी के निधन से हमने उन प्रतिभाशाली बुद्धिजीवियों में से एक को खो दिया है, जिन्होंने 4 दशकों से अधिक समय तक हमारे पुरातत्व उत्खनन और प्रयासों और प्रशिक्षित पुरातत्वविदों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
भारत के सबसे वरिष्ठ पुरातत्व वैज्ञानिक माने जाने वाले बी बी लाल 100 वर्ष की आयु तक पुरातत्व अनुसंधान और लेखन में सक्रिय रूप से शामिल थे. उन्होंने 1944 में तक्षशिला में सर मोर्टिमर व्हीलर द्वारा प्रशिक्षण लिया था, जिसके बाद वे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण में शामिल हो गए और 1968 से 1972 तक इसके महानिदेशक के रूप में कार्य किया. पुरातत्व के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें पिछले साल 2021 में देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था. उन्हें साल 2000 में पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था.
झांसी के लाल ने संस्कृत से मास्टर्स करके पुरातत्व में काम किया
1921 में उत्तर प्रदेश के झांसी में बी बी लाल का जन्म हुआ था. इन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से संस्कृत में मास्टर्स की डिग्री ली और इसके बाद इनकी रुचि पुरातत्व क्षेत्र में जागी. इन्होंने हड़प्पा सभ्यता और महाभारत से जुड़े पुरातात्विक स्थलों पर बड़े पैमाने पर काम किया. कई यूनेस्को समितियों में भी काम किया है और ये बाबरी मस्जिद के नीचे रामजन्म भूमि मंदिर जैसी संरचना का सच सबके सामने लेकर आए. उस स्थान की खुदाई वाली टीम का नेतृत्व बी बी लाल ने ही किया था.