जांजगीर-चाम्पा

अब तहसील, जनपद और एसडीएम कार्यालय में भी सुनी जाएगी समस्याएं…..

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(शशि कोन्हेर) : जांजगीर-चाम्पा – अपनी छोटी छोटी समस्याओं को लेकर जिला कार्यालयों तक का दौड़ लगाने वाले आमनागरिकों को अब यहाँ आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। न ही उन्हें अपना कीमती समय और पैसा आने-जाने में खर्च करना पड़ेगा। कलेक्टर श्री जितेन्द्र कुमार शुक्ला ने एक बार फिर जिले के आमनागरिकों के हित में बड़ा फैसला लेते हुए तय किया है कि जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा तहसील, जनपद और एसडीएम लेबल पर कार्यालयों में सप्ताह में एक दिन जनसमस्या निवारण शिविर का आयोजन अनिवार्य रूप से किया जाए। यहाँ आमनागरिकों की समस्याएं सुनी जाए और अपने स्तर पर निराकरण हो सकने वाले आवेदन का निराकरण सुनिश्चित की जाए। कलेक्टर की इस पहल का बड़ी संख्या में लोग लाभ उठा पाएंगे। उनकी समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर हो सकेगा।

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कलेक्टर श्री जितेंद्र कुमार शुक्ला द्वारा जिले में अभिनव पहल करते हुए 1 जून से जिला कार्यालय कलेक्टोरेट में प्रतिदिन जन समस्या निवारण शिविर प्रारम्भ कराई गई है। कार्यालयीन दिवस में सुबह 10 बजे से शाम 5.30 बजे तक लगने वाले इस शिविर में डिप्टी कलेक्टर स्तर के अधिकारियों की ड्यूटी आमनागरिकों के आवेदन लेने और निराकरण के लिए लगाई गई है। कलेक्टर, अपर कलेक्टर द्वारा भी समय-समय पर स्वयं भी इस शिविर में अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर आवेदन लिया जाता है।

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कलेक्टोरेट के शिविर में आवेदन प्राप्त करने के दौरान कलेक्टर ने पाया कि दूरस्थ क्षेत्रों से आने वाले ग्रामीण अपने मामूली समस्याओं को लेकर जिला कार्यालय पहुँच रहे हैं। जो समस्या गाँव, तहसील, जनपद और एसडीएम स्तर पर निराकृत हो सकती है उसे भी लेकर लोग जिला मुख्यालय आ रहे हैं। इसके लिए उन्हें आने जाने का किराया और समय भी बर्बाद करना पड़ रहा है। कलेक्टर श्री शुक्ला ने ऐसे गरीब और पीड़ित परिवारों का मर्म समझते हुए और संवेदनशीलता का परिचय देते हुए तहसील, जनपद और एसडीएम लेबल पर सभी कार्यालयों में अनिवार्य रूप से सप्ताह में एक दिन कार्यालयीन समय पर जन समस्या निवारण शिविर का आयोजन कर लोगों से आवेदन लेने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने कहा है कि वे आमनागरिकों के साथ शालीनता से पेश आए और पीड़ितों की बात सुनते हुए उन्हें न्याय दिलाने की दिशा में काम करें। पात्र हितग्राहियों को शासन की योजनाओं का लाभ दिलाए। कोई भी अफसर लालफीताशाही जैसा रवैया न अपनाएं। सभी निष्ठावान होकर जनता के हित में काम करें।

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हर गाँव की समस्या सुनने बैठेंगे अधिकारी : कलेक्टर ने जिले के हर गाँव की समस्याओं को सुलझाने की भी नई व्यवस्था लागू की है। उन्होंने तय किया है कि ग्राम स्तर पर निराकृत हो सकने वाली समस्याओं का निराकरण वहीं सुनिश्चित कर दिया जाए। ग्रामीणों को अपना काम छोड़कर बाहर कार्यालयों के चक्कर न काटना पड़े। इसके लिए उन्होंने ग्राम स्तर पर नोडल अधिकारी तो नियुक्त करने के निर्देश दिए ही हैं, साथ ही यह भी निर्देशित किया है कि गाँव में किसी एक महत्वपूर्ण स्थान पर स्थानीय अधिकारी सप्ताह में अपनी उपस्थिति देकर आवेदन लेने के साथ उनकी समस्याओं को सुलझाए।

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