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झारखंड नगर निकाय चुनाव में ओबीसी को आरक्षण नहीं देने के मामले में हेमंत सरकार को नोटिस

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(शशि कोन्हेर) : सर्वोच्च न्यायालय ने झारखंड सरकार के मुख्य सचिव को अवमानना नोटिस जारी किया है। सर्वोच्च न्यायालय ने यह नोटिस सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में दायर की गई अवमाननावाद याचिका पर किया। न्यायालय में सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से वरीय अधिवक्ता अमित कुमार ने पक्ष रखा। चंद्रप्रकाश चौधरी ने सर्वोच्च न्यायालय में झारखंड सरकार के खिलाफ झारखंड में बिना ओबीसी आरक्षण के नगर निकाय चुनाव कराने के विरुद्ध अवमाननावाद याचिका दायर की है।

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याचिका में गया कि झारखंड सरकार ने पंचायत चुनाव के पहले सर्वोच्च न्यायालय में जो शपथपत्र दायर किया था उसका पालन नहीं किया। सरकार ने उक्त शपथपत्र के विरुद्ध बिना ओबीसी के आरक्षण का निकाय चुनाव कराने का निर्णय ले लिया।

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ओबीसी आरक्षण को लेकर सांसद ने दायर की थी याचिका, तब सरकार का क्या था कहना
उल्लेखनीय है कि सांसद ने इसी साल हुए पंचायत चुनाव से पूर्व सर्वोच्च न्यायालय में ओबीसी आरक्षण लागू करने के संबंध में एक याचिका दायर की थी। तब झारखंड सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में शपथपत्र देकर बताया गया था कि ओबीसी आरक्षण से संबंधित ट्रिपल टेस्ट प्रक्रियाधीन है और झारखंड सरकार भविष्य में होने वाले चुनाव में ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया को पूरा कर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ओबीसी आरक्षण के संदर्भ में दिए गए निर्देश का अनुपालन करेगी।

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झारखंड सरकार की ओबीसी के प्रति मंशा ठीक नहीं, न्यायालय का कर रही अवमानना
निकाय चुनाव भी बिना ओबीसी आरक्षण कराने के राज्य सरकार के निर्णय के बाद चौधरी ने अवमाननावाद दायर किया। इसमें प्रार्थी की ओर से कहा गया कि एक तरफ झारखंड सरकार सर्वोच्च न्यायालय में यह कहती है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ओबीसी आरक्षण के संदर्भ में दिए गए निर्णय का अनुपालन करेगी, वहीं दूसरी ओर ओबीसी को आरक्षण दिए बगैर नगर निकाय चुनाव कराने का फैसला लेती है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि झारखंड सरकार की मंशा ओबीसी के प्रति ठीक नहीं है और यह एक तरफ से न्यायालय का अवमानना भी है।

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