बिलासपुर

सामाजिक चेतना और राष्ट्र के विकास के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना आवश्यक : डॉ. आदिले

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बिलासपुर – अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय बिलासपुर से संबद्ध शासकीय निरंजन केशरवानी महाविद्यालय कोटा की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के द्वारा एनएसएस का 52 वां स्थापना दिवस उत्साहपूर्वक मनाया गया एवं अभिमुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया. छत्तीसगढ़ के राज्य गीत “अरपा पैरी के धार” से कार्यक्रम की शुरुआत की गई. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. पी. एल. आदिले, प्राचार्य जे.बी.डी. कला एवं विज्ञान महाविद्यालय कटघोरा ने अपने उद्बोधन में बताया कि इस योजना से जुड़कर मैं अपने आप को सबसे भाग्यशाली समझता हूँ, जहाँ समाजिक चेतना और देश का विकास के लिए सहयोग की भावना से तत्पर तथा भारतीय संस्कार से परिपूर्ण युवा स्वयंसेवकों की गतिविधियाँ देख मन विभोर हो उठता है. एनएसएस का मूल लक्ष्य समाज सेवा के माध्यम से विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का विकास करना है. इसी लक्ष्य को ध्यान में रखकर विद्यार्थियों से अपेक्षा है की जाती है कि वे जिस समाज में काम करते है, उसकी आवश्यकताओं का अनुभव करें, कठिनाइयों को समझें, स्वयं में सामाजिक और नागरिक दायित्व बोध की भावना का विकास करें, नेतृत्व के गुणों को धारण करें और राष्ट्रीय एकता को क्रियात्मक स्वरूप दें.

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कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ. जय शंकर यादव, समन्वयक राष्ट्रीय सेवा योजना डॉ. सी. वी. रमन विश्वविद्यालय कोटा ने अपने उद्बोधन में युवाओं से आह्वान किया कि वे समाज सेवा के कार्यों को मन लगाकर करें एवं शिक्षा के साथ साथ व्यवहारिक ज्ञान भी अर्जित करें. आज भी हमारे समाज में अशिक्षा, अज्ञानता एवं कुरीतियों का बोलबाला है, ऐसी स्थिति में युवाओं का दायित्व है कि वे इन्हें दूर करने में अपना योगदान दें. विशिष्ट अतिथि शिव शंकर नामदेव कार्यक्रम अधिकारी शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोटा ने स्वयंसेवकों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उनके कर्तव्यों की जानकारी प्रदान की. विशिष्ट अतिथि विक्रम धर दीवान कार्यक्रम अधिकारी शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोटा ने लक्ष्य गीत ”उठें समाज के लिए उठें -उठें, जगें स्वराष्ट्र के लिए जगें-जगें ” प्रस्तुत करते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना के उद्देश्यों की जानकारी प्रदान की.

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कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के संरक्षक एवं प्राचार्य प्रो. बी. एल. काशी ने बताया कि युवा किसी भी राष्ट्र के विकास का आईना होते हैं. अनुशासन युवाओं का आभूषण है, राष्ट्रीय सेवा योजना युवाओं को संस्कारित करने का उपक्रम है. एनएसएस का आदर्श वाक्य है -‘मैं नहीं,बल्कि आप’ जो कि मानव सेवा एवं युवा प्रेरणा के प्रतीक पुरूष स्वामी विवेकानन्द के आदर्शों पर चलना सिखाता है. उन्होंने इस अवसर पर स्वयंसेवकों के द्वारा किए गए विभिन्न कार्यों की सराहना की. कार्यक्रम अधिकारी शितेष जैन ने सभी को राष्ट्रीय सेवा योजना स्थापना दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कोरोना महामारी के दौरान स्वयंसेवकों के द्वारा किये गए निःशुल्क मास्क, सैनेटाइजर एवं राशन वितरण, रक्तदान, जनजागरूकता कार्यक्रम तथा राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई की उपलब्धियों की जानकारी प्रदान की. उन्होंने इस आयोजन के माध्यम से स्वयंसेवकों से लक्ष्य, आचरण और अनुशासन में संतुलन बनाए रखते हुए स्थापना दिवस को संकल्प दिवस के रूप में मनाने की अपील की. यूथ रेड क्रॉस सोसाइटी की नोडल अधिकारी डॉक्टर संजू पांडे ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया. इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक, कर्मचारी एवं 120 स्वयं सेवकों की सक्रिय सहभागिता रही.

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