अंतरराष्ट्रीय

फिलिस्तीनियों को शरण देने को तैयार नहीं मुस्लिम देश, इजरायली बमबारी से बचने के लिए ढूंढ रहे ठिकाना…

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हमास के क्रूर हमलों के जवाब में गाजा पट्टी पर इजरायल के द्वारा लगातार बमबारी की जा रही है। इन हमलों से हताश फिलिस्तीनी खुद के लिए आश्रय स्थल ढूंढ रहे हैं। पड़ोस के देशों में शरण पाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, मिस्र और जॉर्डन जैसे मुस्लिम देश भी उन्हें स्वीकर करने से हिचकिचा रहे हैं।

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दोनों देश इजरायल की सीमा से सटे हैं। एक की सीमा गाजा पट्टी के साथ तो दूसरे की वेस्ट बैंक के साथ मेल खाती है। आपको बता दें कि जॉर्डन में पहले से ही बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी लोग रह रहे हैं।

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मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने बुधवार को सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि वर्तमान युद्ध का उद्देश्य सिर्फ गाजा पट्टी पर शासन करने वाले हमास से लड़ना नहीं है, बल्कि नागरिकों को मिस्र की ओर पलायन करने के लिए प्रेरित करने का भी प्रयास है।

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उन्होंने चेतावनी दी कि इससे क्षेत्र में शांति भंग हो सकती है। राष्ट्रपति ने बुधवार को कहा कि मिस्रवासी सिनाई में लाखों फिलिस्तीनियों के जबरन विस्थापन को नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई भी कदम मिस्र प्रायद्वीप को इजरायल के खिलाफ हमलों के एक आधार में बदल देगा।

सिसी ने काहिरा में जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि गाजा पट्टी प्रभावी रूप से इजरायल के नियंत्रण में है और उग्रवादियों से निपटने तक फिलिस्तीनियों को इजराइल के नेगेव रेगिस्तान में ले जाया जा सकता है।

गाजा पट्टी पर नियंत्रण रखने वाले हमास आतंकवादियों को खत्म करने के लिए गाजा पर इजरायल की अभूतपूर्व बमबारी और घेराबंदी ने यह आशंका पैदा कर दी है कि इसके 23 लाख निवासियों को दक्षिण की ओर सिनाई में जाने को मजबूर किया जा सकता है।

सऊदी-अमेरिका ने अपने लोगों को लेबनान छोड़ने को कहा
सऊदी अरब और अमेरिका ने अपने लोगों को लेबनान छोड़ने के लिए कहा है। इजरायल के साथ लेबनान की दक्षिणी सीमा पर तनाव बढ़ने के कारण सऊदी अरब ने बुधवार को सभी नागरिकों से तुरंत लेबनान छोड़ने को कहा।

बेरूत में खाड़ी देश के दूतावास ने कहा कि वह दक्षिणी लेबनान में घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रहा है। यहां एक तरफ हिजबुल्लाह व हमास आतंकवादियों और दूसरी तरफ इजरायल के बीच गोलीबारी में कम से कम 18 लोग मारे गए हैं। मृतकों में एक पत्रकार भी शामिल है। वहीं, अमेरिका ने युद्ध के कारण लेबनान में सुरक्षा स्थिति का हवाला देते हुए बेरूत में अपने दूतावास के गैर-जरूरी कर्मियों और परिवारों को देश छोड़ने के लिए कहा है।

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