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माँ ने बच्चों के लिए किये पूजा अर्चना कर मनाया हलषष्ठी व्रत

(तुषार अग्रवाल) : लोरमी – बच्चों के लिए लंबी उम्र और खुशहाली के लिए माताओं ने व्रत रखकर पूजा अर्चना कर हलषष्ठी की कथा सुनकर पूजा अर्चना किये एवं बच्चों को पोता मार आर्शीवाद दिये।
महिलाओ/माताओं के द्वारा अपने बच्चों के लंबी उम्र की कामना करने का हलषष्ठी देव का व्रत रखकर पूजा अर्चना किये पूजा अर्चना करने के बाद बच्चों को पोता मार प्रसाद देकर उन्हे आर्शीवाद दिये।

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ज्ञात हो कि प्रतिवर्ष भाद्रपद माह की छठी तिथी को महिलाएं अपने बच्चों की लंबी उम्र व दीर्घायु होने के लिए हलषष्ठी व्रत करती है, इस दिन महिलाएं ऐसे खेत में पैर नहीं रखती जहॉ हल चला होता है ना ही पारणा करते है अनाज व दूध दही खाती है व भैंसी के दूध का चाय पीते है भैंसी के दूध से बने दही व घी का उपयोग करते है सुबह मुहवा के दांतून से दातून करते है हलषष्ठी के दिन निर्जला व्रत रखने के बाद शाम का पसही के चावल या महुए का लाटा बनाकर पारणा करने की मान्यता है।

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बिना हल चले वाले जगह से पैदावार हुया 6 प्रकार की भाजी की सब्जी, मिर्च लौगी का खाने में उपयोग करती है। इस दिन महिलाएं एक जगह एकत्रित होकर नदी बनाकर उसमें पूजा अर्चना किया जाता है ।

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जहां माताएं तरह-तरह के खिलौने हलषष्ठी में चढ़ाते है व पूजा अर्चना कर हलषष्ठी व्रत की छः कथाओं को सुनकर पूजा आरती से पूजन प्रक्रिया को पूरा किया जाता है व छोटे-छोटे कपड़े के तुकड़े से बनाये पोते को बच्चों के पीठ पर छः बार पोतामारकर अपने बच्चों को लंबी उम्र की अर्शीवाद प्रदान करते है। इस तारतम्य में नगर एवं आसपास की महिलाओं के द्वारा विधि विधान से पूजा अर्चना किया गया व अपने बच्चों की लंबी उम्र की कामना किये।

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