Uncategorized

हिंदुस्तानी पठान से ज्यादा…’, PAK एंकर ने अपने मुल्क के हाल पर जमकर किया तंज

Advertisement

(शशि कोन्हेर) : पाकिस्तानी टीवी की दुनिया का जाना-माना चेहरा और Loose Talk शो से घर-घर में मशहूर हुए अनवर मकसूद ने पाकिस्तान लिटरेचर फेस्टिवल में अपने देश की आर्थिक और सियासी स्थिति पर खूब व्यंग्य कसे हैं. अनवर मकसूद ने कहा है कि भारत में पठान फिल्म सुपरहिट हुई है लेकिन सुना है कि पाकिस्तान में पठान (इमरान खान) की एडवांस बुकिंग हिंदुस्तानी पठान से ज्यादा है.

Advertisement
Advertisement

लिटरेटर फेस्टिवल में बोलते हुए अनवर मकसूद ने कहा, ‘भारत में पठान ने तमाम रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, पाकिस्तान में पठान (इमरान खान) पर एफआईआर हो रहे हैं. मौजूदा समय में पठान की कामयाबी नजर नहीं आती मगर सुना है कि आने वाले चुनाव में पाकिस्तानी पठान की एडवांस बुकिंग हिंदुस्तानी पठान से ज्यादा है. मेरा वतन पाकिस्तान दुनिया में नमक पैदा करने वाले मुल्कों में दूसरे नंबर पर है लेकिन नमकहराम पैदा करने वालों में यह पहले नंबर पर आता है.’

Advertisement

IMF से पाकिस्तान की बातचीत का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सैलाब से कहीं ज्यादा पाकिस्तान कर्ज में डूबा हुआ है. IMF से बातचीत खत्म हो गई है और उन लोगों ने महंगाई को कई गुना बढ़ाकर हमारे सामने रख दिया. अमीर परेशान है कि डॉलर महंगा हो गया और गरीब परेशान है कि रोटी महंगी हो गई.

Advertisement

पाकिस्तान की सरकारों पर फौज के प्रभाव का जिक्र करते हुए अनवर मकसूद ने कहा, ‘हमारी फौज बहुत ताकतवर है इसलिए हर सरकार में प्रधानमंत्री और सारे मंत्री उसके इशारों पर नाचने वाले जोकर बन जाते हैं. डुगडुगी हिलाकर कोई उनसे कहता है, ओए जम्हूरे खड़े हो जा तो वो खड़े हो जाते हैं. यह तमाशा हम 75 सालों से देख रहे हैं. हर सरकार ने जितना अपना ख्याल रखा, उसका आधा भी लोगों के बारे में सोच लेती तो पाकिस्तान में किसी चीज की कमी नहीं होती.’

उन्होंने कहा कि फौज को ताकतवर बनाने के पीछे पाकिस्तान के लोगों की गलती है. उन्होंने कहा, ’73 सालों में तकरीबन 35 साल फौज ने हम पर हुकूमत की, 35 साल भी नहीं बल्कि 74 साल फौज ने हम पर राज किया, आज भी कर रही है. इसमें फौज से कहीं ज्यादा हमारा कसूर है. फौज हमारी जरूरत है. इस लोकतंत्र के दौर में न जाने क्यों हम फौज की जरूरत बन जाते हैं. चुनाव होंगे या नहीं, ये बात न चुनाव आयोग जानता है, न सरकार, न अदालत न खुदा जानता है. सिर्फ फौज जानती है मगर वो बता तक नहीं रही है.’

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button