देश

केजरीवाल सरकार मौलवियों को 12 से 18 हजार रुपए देती है सैलरी, पुजारियों को ढेला-पाई भी नहीं, धरने पर बैठे पुजारी

Advertisement

(शशि कोन्हेर) : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर पुजारियों ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। यहां बैठे पुजारियों की मांग है कि जब मौलानाओं को सैलरी दी जा सकती है तो उन्हें सैलरी क्यों नहीं दी जा रही है। बता दें कि दिल्ली बीजेपी मंदिर प्रकोष्ठ ने मंदिर के पुजारियों के वेतन की मांग को लेकर 7 फरवरी को धरना देने का ऐलान किया था। मंदिर प्रकोष्ठ के अध्यक्ष करनैल सिंह ने कहा था कि जब हिंदुओं के टैक्स के पैसे से मौलवियों को वेतन मिल सकता है तो फिर हिंदुओं को मानदेय क्यों नहीं मिल सकता है। दावा किया जा रहा है कि इस धरना प्रदर्शन में हजारों पुजारी शामिल हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि केजरीवाल के घर के बाहर जुटे पुजारी और साधु-संत यहां हनुमान चालीसा का पाठ भी करेंगे।

Advertisement
Advertisement

दिल्ली में मौलानाओं को कितनी सैलरी दी जाती है? इसके लेकर कुछ मीडिया रिपोर्ट में पहले कहा गया था कि दिल्ली वक्फ बोर्ड की पंजीकृत करीब 185 मस्जिदों के 255 इमाम और मुअज्जिनों को तनख्वाह दी जाती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इमाम को 18 हजार रुपये और मुअज्जिनों को करीब 14 हजार रुपये सैलरी दी जाती है। वहीं दिल्ली वक्फ बोर्ड में अनरजिस्टर्ड मस्जिदों के इमामों को 14 हजार और मुअज्जिनों को लगभग 12 हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाता है।

Advertisement

पिछले साल नवंबर के महीने में भाजपा सांसद परवेश साहिब सिंह ने दिल्ली के सीएम को एक खत लिखा था। इस खत के जरिए उन्होंने मांग उठाई थी कि मस्जिदों के मौलवियों की तरह ही मंदिर के पुजारियों और गुरुद्वारा के ग्रंथियों को भी तनख्वाह दी जाए। भाजपा सांसद ने कहा था कि हमारे संविधान की प्रकृति धर्मनिरपेक्षता पर आधारित है। टैक्स भुगतान करने वालों से जो पैसे आ रहे हैं उन्हें सिर्फ किसी चुने हुआ या किसी एक धार्मिक वर्ग पर खर्च नहीं करना चाहिए। जनता के इन पैसों पर सभी धार्मिक वर्ग के लोगों का समान अधिकार है।

Advertisement
Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button