छत्तीसगढ़

क्या जीपीएम जिले के एकलव्य आवासीय विद्यालय में छात्रों को जहरीला पानी.. , ?

(सुहैल आलम) : गौरेया पेंड्रा मरवाही के एकलव्य आवासीय स्कूल में छात्रों को दिया जाने वाला पानी जहरीला है। ऐसी खबर आ रही है कि इस जहरीले पानी के कारण ही वहां  2 बच्चों की हालत गंभीर रूप से बिगड़ गई। गौरेला पेंड्रा मरवाही से सुहैल आलम ने एक खबर भेजी है। इस खबर के अनुसार ये घटना 3 दिन पहले की है। लेकिन विद्यालय प्रबंधन इसे दबा रखा था। छात्रों को अपने परिजनों को भी इसकी जानकारी देने से मना किया गया। लेकिन मीडिया ने इसे सामने ला दिया, जिसके बाद अब कार्रवाई की बात की जा रही है। यह पूरा मामला मरवाही विकासखंड के एकलव्य संयुक्त आदर्श आदिवासी विद्यालय डोंगरिया का बताया जा रहा है।सुहैल  आलम के अनुसार बताया जा रहा है कि मलाईदार छात्रावासों का प्रभार लेने के लिए यह साजिश रची गई।

Advertisement

एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में स्थापित किए गणेश प्रतिमा के विसर्जन के बाद लौटे कुछ छात्रों ने भोजन के बाद छात्रावास के कमरों में पहले से बोतलों में भर कर रखा पानी पी लिया। पानी में हल्की दुर्गंध और अलग स्वाद आने के बावजूद छात्रों ने पानी पिया, जिसके कुछ ही देर बाद छात्रों की तबीयत बिगड़ने लगी। कुछ ही देर के बाद कक्षा 10वीं एवं कक्षा 11वीं में पढ़ने वाले दो छात्रों को लगातार उल्टियां होने लगी, सिर दर्द करने लगा, गला सूखने लगा छाती में दर्द होने लगा एवं सांस लेने में परेशानी होने लगी जिसके बाद छात्रों को आनन-फानन में नजदीक के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दिखाया गया।

Advertisement
Advertisement

प्राथमिक उपचार करने के बाद डॉक्टर ने दोनों छात्रों को जिला अस्पताल रिफर कर दिया। पर दोनों ही छात्रों को जिला अस्पताल में नहीं दिखा कर उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। छात्रों की तबीयत बिगड़ता देख एकलव्य विद्यालय प्रशासन हरकत में आया और पानी की जांच की। छात्रावासों से कई बोतलें, जिनमें केमिकल युक्त पानी था जप्त कर ली गई। इतना ही नहीं छात्रों को ताकीद की गई की मामले की जानकारी परिजनों को ना दें।

Advertisement

किसने रचा षड्यंत्र?
मामले की गंभीरता को जानने के बावजूद विद्यालय और छात्रावास प्रबंधन ने मामले में मौन ही साध रखा था। लेकिन कहीं से बात मीडिया तक पहुंची और मीडिया की तफ्तीश में यह बात साफ हो गई कि किसी ने पानी में कुछ मिलाया गया था। बाद में जब विद्यालय प्रबंधन से बात की गई तो जो खुलासा हुआ, वह कम चौंकाने वाला नहीं था। बातों ही बातों में छात्रावास अधीक्षक से यह बात सामने आ गई कि पुराने छात्रावास अधीक्षक को पूर्व सहायक आयुक्त मिश्रा ने हटाकर विजय ध्रुव को अधीक्षक बनाया था, जिसकी वजह से छात्रों को निशाने पर लेते हुए यह षड्यंत्र रचा गया होगा।

Advertisement

इसी बीच बातचीत में नवपदस्थ अधीक्षक ने स्वीकार किया कि आदिवासी विकास विभाग में छात्रावासों में पदस्थापना के लिए रुपए की मांग होती है। पहले भी एक-एक लाख मांगा गया, उसने खुद की पदस्थापना के लिए एक लाख सहायक आयुक्त कार्यालय में पदस्थ एक बाबू को सहायक आयुक्त के नाम पर दिया था, जिसके 9- 10 दिन बाद उनको यहां का प्रभार मिला है।

पानी में जहर!
छात्रावास अधीक्षक ने यह स्वीकार किया कि कई बोतलों में दुर्गंध और केमिकल युक्त पानी पाया गया है। मौके पर यूरिया के कुछ दाने भी मिले, जिससे संदेह हो रहा है कि बच्चों के पानी में यूरिया मिलाया गया था। मामले में एकलव्य आवासीय विद्यालय के प्राचार्य ने भी यह स्वीकार किया कि छात्रावास से जो पानी लाया गया एवं जिसे बच्चों ने पिया था उसमें कुछ केमिकल की दुर्गंध आ रही थी। मामले में कार्रवाई के लिए सहायक आयुक्त को लिखित एवं मौखिक सूचना दी गई पर अब तक उनकी ओर से कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है।

पूरे मामले की जानकारी कलेक्टर को दी गई तो उन्होंने तुरंत ही मरवाही विकासखंड के एसडीएम को जांच कर आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। आवासीय विद्यालयों में पोस्टिंग के लिए छात्रों की जान से खिलवाड़ चिंता का विषय है। इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जरूरी है ताकि छात्रावास की विश्वसनीयता कायम रहे और बच्चों के अभिभावक निश्चिंत रह सकें।

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button