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रोज 13 घंटे की बिजली कटौती और राशन संकट के मुश्किल दौर में..श्रीलंका की मदद के लिए ऐसे आगे आया भारत..!

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श्रीलंका आर्थिक संकट के बुरे दौर से गुजर रहा है। ऐसे में श्रीलंका की सरकार को लोगों की भारी नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। सरकार ने शनिवार को आपातकाल लगा दिया है। इसके खिलाफ सैकड़ों वकीलों ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे से आपातकाल की स्थिति को रद्द करने का आग्रह किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि देश के आर्थिक संकट के तहत भाषण की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण सभा का सम्मान किया जाए। सरकार के सूचना विभाग एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति को दी गई शक्तियों के तहत शनिवार को शाम 6 बजे से सोमवार को सुबह 6 बजे तक देश भर में कर्फ्यू लगाया गया है।

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इस संकट से निपटने के लिए भारत से 40,000 मीट्रिक टन डीजल की एक खेप शनिवार को श्रीलंका पहुंची। द्वीप राष्ट्र श्रीलंका में बिजली कटौती को कम करने के लिए नई दिल्ली से इस तरह की सहायता की चौथी खेप पहुंची है। कोलंबो में भारतीय उच्चायोग ने बताया कि भारत द्वारा श्रीलंका को ईंधन की आपूर्ति की गई। उच्चायुक्त ने शनिवार को कोलंबो में ऊर्जा मंत्री गामिनी लोकुगे को 500 मिलियन डालर की लाइन आफ क्रेडिट के माध्यम से भारतीय सहायता के तहत 40,000 मीट्रिक टन डीजल की एक खेप सौंपी। इससे पहले पहली बड़ी खाद्य सहायता में कोलंबो ने नई दिल्ली से एक क्रेडिट लाइन हासिल की। इसे बाद श्रीलंका के लोगों के लिए भारतीय व्यापारियों ने 40,000 टन चावल भेजा है। विदेशी मुद्रा की कमी के कारण एक अभूतपूर्व आर्थिक और ऊर्जा संकट का सामना कर रहा है। श्रीलंका में ईंधन-गैस, खाद्य और आवश्यक वस्तुओं की किल्लत की वजह से कीमतें आसमान छू रही हैं।

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श्रीलंका में बिजली के प्लांट बंद हो चुके हैं, जिस वजह से 2.20 करोड़ घरों में बिजली सप्लाई ठप हो चुकी है। हर दिन में 12-12 घंटे तक बिजली कटौती की जा रही है।

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