बिलासपुर

कोनी थाने और खनिज विभाग की सांठगांठ से कछार, सेंदरी और लोफंदी में खुले आम हो रहा रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन

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(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर। बिलासपुर रतनपुर मार्ग पर शहर के अंतिम छोर में स्थित कोनी थाने की, उस थाना क्षेत्र में हो रही रेत की अवैध खुदाई और परिवहन में विशेष दिलचस्पी है। इस थाने के द्वारा ध्यान कानून और व्यवस्था तथा अपराध व अपराधियों पर अंकुश लगाने में इतना ध्यान नहीं दिया जाता जितना ध्यान ध्यान रेत की अवैध खुदाई मैं दिया जाता है। कायदे से खनिज विभाग और पुलिस का काम रेत की अवैध खुदाई और परिवहन को रोकना है।

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लेकिन कोनी थाने की पुलिस और माइनिंग विभाग का जमीनी अमला ऐसा करना छोड़ रेत की अवैध खुदाई और परिवहन को पूरी सुरक्षा और मौका दे रहा है। ऐसा लगता है मानो रेत के तस्करों ने कोनी थाने को अवैध खुदाई तथा परिवहन कराने की सुपारी दे रखी है। कभी भी ग्राम कछार, लोफंदी और सेंदरी मैं कोनी पुलिस तथा खनिज विभाग के स्टाफ को उन लोगों से गले मिलते देखा जा सकता है, जो रेत की अवैध खुदाई, चोरी और परिवहन के माहिर खलनायक के रूप में प्रसिद्ध हो चुके हैं। यह शर्म की बात है कि सरकार के जिस महकमें खनिज और पुलिस विभाग के कर्मचारियों अधिकारियों को रेत के अवैध उत्खनन तथा परिवहन को सख्ती से रोकना चाहिए।

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वे ही लोग रेत के तस्करों और इस गोरखधंधे के खलनायकों को रोकने की बजाय उन्हें हरी झंडी दिखाने में लगे रहते हैं। खनिज विभाग के कोनी तुरकाडीह मोड़ पर, लगे खनिज नाके के कर्मचारी को अब, शायद अपने ठिकाने पर बैठने में चैन नहीं मिलता। इसलिए यह कर्मचारी बकायदा मोटरसाइकिल से सेंदरी, कछार और लोफंदी मैं घूम घूम कर के रेत चोरों से तथा रेत लेकर अवैध परिवहन करने वालों से वसूली करते देखा जा सकता है। कोनी थाने की इस भूमिका को लेकर जब पूछताछ की गई तो जानकारों का कहना था कि दरअसल कोनी थाना क्षेत्र में दूसरे थानों की तुलना में बहुत कम गांव और क्षेत्र दिया गया है। इसलिए ऐसे कामों में लिप्त रहने के लिए उनके पास फुर्सत ही फुर्सत है।

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